बुराई का प्रतीक रावण
में ये थी अच्छाइयाँ
बुराई का प्रतीक रावण
में ये थी अच्छाइयाँ
रावण एक प्रकांड पंडित एवं
महादेव का बहुत बड़ा भक्त था
रावण एक प्रकांड पंडित एवं
महादेव का बहुत बड़ा भक्त था
लोगो को मानना है , की रावण के दस सिर थे परन्तु उसके दस सिर नहीं बल्कि उसके पास दस सिर के बरारबर दिमाग था
लोगो को मानना है , की रावण के दस सिर थे परन्तु उसके दस सिर नहीं बल्कि उसके पास दस सिर के बरारबर दिमाग था
रावण एक कुशल व्यापारी,कुशल राजनीतिज्ञ,महायोद्धा,चित्रकार, संगीतज्ञ,एवं बहुत शी खूबियां थी
रावण एक कुशल व्यापारी,कुशल राजनीतिज्ञ,महायोद्धा,चित्रकार, संगीतज्ञ,एवं बहुत शी खूबियां थी
शिव तांडव रावण के द्वारा ही लिखा एवं गाया गया था
शिव तांडव रावण के द्वारा ही लिखा एवं गाया गया था
रावण मेगनाथ का पिता एवं कुंभकर्ण जैसे भाई का भ्राता था
रावण मेगनाथ का पिता एवं कुंभकर्ण जैसे भाई का भ्राता था
रावण एक विद्वान राजा था जिसके राज्य में अस्पताल,गुरुकुल,एवं बहुत सी सुविधाए निशुल्क थी,आप उसकी राज्य की संपंता उसके सोने की लंका से ही लगा सकते है
रावण एक विद्वान राजा था जिसके राज्य में अस्पताल,गुरुकुल,एवं बहुत सी सुविधाए निशुल्क थी,आप उसकी राज्य की संपंता उसके सोने की लंका से ही लगा सकते है
रावण इतना बड़ा योद्धा और भ्क्त था कि उसने कैलाश पर्वत जिसमे महादेव स्वयं विराजमान थे ,उसको उठा लिया था
रावण इतना बड़ा योद्धा और भ्क्त था कि उसने कैलाश पर्वत जिसमे महादेव स्वयं विराजमान थे ,उसको उठा लिया था
ये वही रावण था जिसने भगवान राम द्वारा रामेश्वरम मंदिर को स्थापित किया था
ये वही रावण था जिसने भगवान राम द्वारा रामेश्वरम मंदिर को स्थापित किया था
रावण ने पुष्पक विमान कुबेर से उद्ध करके जीता था, एवं सप्टग्रह उसी के अनुसार गुमते थे
रावण ने पुष्पक विमान कुबेर से उद्ध करके जीता था, एवं सप्टग्रह उसी के अनुसार गुमते थे