कहते हैं गांव की मिट्टी में जो बात है.वह शहरों की चमक धमक में कहां है. ठीक वैसे ही गांव की जमीन से जुड़ा इंसान जितने अच्छे से लोगों को समझ पाता है. वह शायद ही कोई समझ पाए.हमारी फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे सितारें हैं. जिन्होंने छोटे से गांव से निकलकर माया नगरी में बड़ा मुकाम हासिल किया है. और अपनी दमकर एक्टिंग के जरिए लोगों के दिलों में जगह बनाई है. आइए जानते हैं,उन एक्टरों के बारे में.
धर्मेंद्र देओल(Dharmendra Deol)
धर्मेंद्र ने करीब 63 साल पहले बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा था.हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले उन्होंने नया टैलेंट अवॉर्ड जीता था.जिसके तहत ये वादा किया गया था कि, उन्हें फिल्म में काम मिलेगा। धर्मेंद लुधियाना के छोटे से गांव नसराली से आते हैं.
राजपाल यादव(Rajpal Yadav)
कॉमेडी की दुनियां में अपना बड़ा मुकाम बनाने वाले लेजेंड्री एक्टर राजपाल यादव उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव कुंद्रा से हैं.उन्होंने दूरदर्शन के टेलीविज़न सीरियल मुंगेरी के भाई नौरंगीलाल में अभिनय किया। इस के बाद उन्होंने कॉमिक रोल को ज्यादा ध्यान दिया। इस के बाद उन्होंने फिल्म प्यार तूने क्या किया में अभिनय किया इस के बाद वे हिंदी फिल्मो के मुख्य हास्य कलाकार बन गए.
आशुतोष राणा(Ashutosh Rana)
मध्य प्रदेश के छोटे से गांव गाडरवाडा के रहने वाले आशुतोष राणा भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम हैं जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है. आर्ट फिल्मों में शानदार अभिनय से लेकर कमर्शियल फिल्मों में एक भरोसेमंद नाम बने हैं. करीब दो दशक से ज्यादा लंबे करियर में आशुतोष राणा ने कई शानदार किरदार निभाकर दर्शकों पर छाप छोड़ी है.
मनोज बाजपेई(Manoj Bajpayee)
मनोज बाजपेयी की अदाकारी का हर कोई कायल है. उनकी एक्टिंग के चर्चे सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में होती है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि मनोज बिहार के छोटे से गांव बेलवा के रहने वाले हैं.
पंकज त्रिपाठी(Pankaj Tripathi)
मनोज बाजपेयी की तरह पंकज त्रिपाठी भी बिहार के छोटे से कस्बे बेलसंड से ताल्लुक रखते हैं. मायानगरी में पहचान बनाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. आज उनके चाहने वालों की कमी नहीं है.
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी(Nawazuddin Siddiqui)
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी भी आज की तारीख में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. एनएसडी से एक्टिंग की बारीकियां सीखने वाले नवाजुद्दीन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के छोटे से कस्बे बुढ़ाना के रहने वाले हैं. एक दौर ऐसा था जब नवाजुद्दीन ने सिक्योरिटी गार्ड का काम था.
जयदीप अहलावत(Jaideep Ahlawat)
जयदीप अहलावत का जिक्र हो तो पाताल लोक के इंस्पेक्टर हाथीराम याद आ जाते हैं. हरियाणा के रोहतक जिले में आने वाले छोटे से गांव महम के रहने वाले जयदीप ने मायानगरी में नाम कमाने के लिए काफी संघर्ष किया.
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