विश्वकर्मा पूजा 2024: शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि

सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें सृष्टि के प्रथम शिल्पकार और निर्माणकर्ता के रूप में पूजा जाता है। हर साल कन्या संक्रांति के दिन, भगवान विश्वकर्मा की जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना से न केवल धार्मिक पुण्य प्राप्त होता है, बल्कि व्यवसायिक और आर्थिक क्षेत्र में भी विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। विश्वकर्मा पूजा कथा (Vishwakarma Puja Katha) पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि के प्रारंभ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रकट का अवतरण…

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पितृ पक्ष पूजा 2024: महत्व, कथा, विधि

भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष भी शुरू हो जाता है। श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष भी कहा जाता है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का महीना पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए होता है। इस माह में पितरों को याद किया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होने वाले पितृ पक्ष में पितरों को श्राद्ध और पिंडदान करने से परिवार में सुख समृद्वि और शांति आती है। इस वर्ष पितृ पक्ष…

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जैन धर्म के अनुसार अंनत चतुर्दशी व्रत कथा

जैन धर्म में अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखा जाता है। इस दिन या तो निर्जल व्रत रखते हैं या फिर एक समय ही पानी पीने का नियम होता है।अनंत चतुर्दशी के दिन जैन धर्म के अनुयायी सफेद लाडू यानी कि सफेद लड्डू बनाते हैं और उन्हीं का भोग तीर्थंकरों को चढ़ाया जाता है।खास बात यह है कि जैन धर्म में अनंत चतुर्दशी का व्रत पाच दिन में पूर्ण होता है। पांच दिन के पांच अलग-अलग कर्म करने का विधान है। अनन्त चतुर्दशी जैन व्रत की कथा(Story of Anant Chaturdashi…

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गणपति विसर्जन 2024: शुभ मुहूर्त, विधि

सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का व्रत बहुत ही खास माना जाता है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. लेकिन, इसी दिन गणेश जी का विर्सजन भी होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी. अनंत चतुर्दशी की पूजा के पश्चात इस दिन अनंत सूत्र बांधा जाता है. सूत्र कपास या रेशम…

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सुगंध दशमी व्रत: महत्व, कथा, पूजा विधि

दिगंबर जैन की मान्यताओं में सुगंध दशमी व्रत का काफी महत्व है और स्त्रियाँ हर वर्ष इस व्रत को करती हैं। धार्मिक व्रत को विधिपूर्वक करने से अशुभ कर्मों का क्षय, शुभास्रव और पुण्यबंध होता है तथा स्वर्ग मोक्ष की प्राप्ति होती है।सुगंध दशमी व्रत भी वैसा ही है। साथ ही सांसारिक दृष्टि से उत्तम शरीर प्राप्त होना भी इसका व्रतफल बताया गया है।यह व्रत भाद्रपद शुक्ला दशमी को किया जाता है। इसे सुगंध दशमी के अलावा धूप दशमी भी कहा जाता है। इस दिन सभी जैन स्त्री व पुरुष…

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2024 में गणेश जी ये आरती करने से होगी मनोकामनाएं पूरी

भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता माना जाता है.किसी भी शुभ मांगलिक कार्य करने से पहले श्री गणेश पूजन किया जाता है.मान्यता है कि गौरी पुत्र गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। हालांकि उनकी विशेष कृपा प्राप्ति के लिए भाद्रपद माह को श्रेष्ठ माना गया है. हिंदू धर्म में इस माह को भगवान गणेश के जन्म से जोड़ा जाता है,मान्यता है कि भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था. हर साल इस तिथि को गणेश जन्मोत्सव के…

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गनेश पूजा के दौरान न करें ये गलतियां

देशभर में आज गणेश चतुर्थी धूमधाम के साथ मनाई जा रही है और जगह-जगह पर भगवान गणेश के स्वागत के लिए पंडाल भी सज गए हैं. ऐसे में 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी की देशभर में धूम रहेगी और भक्तों के द्वारा अपने घर में भगवान गणेश की स्थापना भी की जाएगी. वहीं, गणेश भगवान की पूजा के दौरान भक्तों को कुछ भक्तों का विशेष ध्यान रखना होगा, ताकि उन्हें भगवान गणेश का आशीर्वाद मिल सके. गणेश पूजा में रखें खास बातों का ध्यान(Caution in Ganesh Puja) भगवान गणेश भगवान…

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जैन धर्म में ऋषि पंचमी अलग क्यों मनाई जाती है ?

जैन धर्म में ऋषि पंचमी बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है, क्योंकि इस दिन जैन समाज के लोग ऋषियों या संतों को श्रद्धांजलि देते हैं. वहीं जैन धर्म में इसे संवत्सरी पर्व भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद के हिंदू चंद्र माह के पांचवें दिन मनाया जाता है. और इस दिन जैन समुदाय के लोग अपने गुरुओं और ऋषिओं को याद करते हैं. जैन धर्म में ऋषि पंचमी का महत्व(Importance of Rishi Panchami in Jainism) ऋषि पंचमी के दिन जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें जैन धर्म…

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Rishi Panchami Vrat 2024: ऋषि पंचमी व्रत, जानें पूजा विधि, महत्व और कथा

हिन्दू धर्म में ऋषि पंचमी का व्रत सप्तऋषियों की पूजा करने के लिए हर साल मनाया जाता है. यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से लोगों को संतान प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. ऋषि पंचमी का पर्व हर महीने भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है. यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है. इस पर्व के दिन सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है.…

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