भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता माना जाता है.किसी भी शुभ मांगलिक कार्य करने से पहले श्री गणेश पूजन किया जाता है.मान्यता है कि गौरी पुत्र गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। हालांकि उनकी विशेष कृपा प्राप्ति के लिए भाद्रपद माह को श्रेष्ठ माना गया है. हिंदू धर्म में इस माह को भगवान गणेश के जन्म से जोड़ा जाता है,मान्यता है कि भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था. हर साल इस तिथि को गणेश जन्मोत्सव के…
Read Moreश्रेणी: धर्म
गनेश पूजा के दौरान न करें ये गलतियां
देशभर में आज गणेश चतुर्थी धूमधाम के साथ मनाई जा रही है और जगह-जगह पर भगवान गणेश के स्वागत के लिए पंडाल भी सज गए हैं. ऐसे में 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी की देशभर में धूम रहेगी और भक्तों के द्वारा अपने घर में भगवान गणेश की स्थापना भी की जाएगी. वहीं, गणेश भगवान की पूजा के दौरान भक्तों को कुछ भक्तों का विशेष ध्यान रखना होगा, ताकि उन्हें भगवान गणेश का आशीर्वाद मिल सके. गणेश पूजा में रखें खास बातों का ध्यान(Caution in Ganesh Puja) भगवान गणेश भगवान…
Read Moreजैन धर्म में ऋषि पंचमी अलग क्यों मनाई जाती है ?
जैन धर्म में ऋषि पंचमी बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है, क्योंकि इस दिन जैन समाज के लोग ऋषियों या संतों को श्रद्धांजलि देते हैं. वहीं जैन धर्म में इसे संवत्सरी पर्व भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद के हिंदू चंद्र माह के पांचवें दिन मनाया जाता है. और इस दिन जैन समुदाय के लोग अपने गुरुओं और ऋषिओं को याद करते हैं. जैन धर्म में ऋषि पंचमी का महत्व(Importance of Rishi Panchami in Jainism) ऋषि पंचमी के दिन जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें जैन धर्म…
Read MoreRishi Panchami Vrat 2024: ऋषि पंचमी व्रत, जानें पूजा विधि, महत्व और कथा
हिन्दू धर्म में ऋषि पंचमी का व्रत सप्तऋषियों की पूजा करने के लिए हर साल मनाया जाता है. यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से लोगों को संतान प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. ऋषि पंचमी का पर्व हर महीने भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है. यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है. इस पर्व के दिन सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है.…
Read Moreक्या है जैन धर्म के अनुसार रोट तीज व्रत की पौराणिक कथा ?
एक समय विपुलाचल पर श्री वर्धमान स्वामी समवशरण सहित पधारे। तब राजा श्रेणिक ने नमस्कार करके हाथ जोड़कर प्रार्थना करी, कि महाराज! रोट तीज व्रत कैसा और इस व्रत से किसको लाभ हुआ और यह व्रत कैसे किस विधि से किया जाता है, सो कृपा करके कहो। तब वर्धमान स्वामी राजा श्रेणिक से कहते, भये राजन्! एक समय उज्जैनी नगरी में एक सागरदत्त नाम का सेठ रहता था। उसके छप्पन करोड़ दीनारों की लक्ष्मी देशांतरों में माल भरकर उसके प्रोहन (जहाज) जाते थे। उस सेठ के सात पुत्र थे। एक…
Read Moreहरतालिका तीज व्रत कथा | Hartalika Teej Vrat Katha
Hartalika Teej Vrat Katha: भाद्रपद की तीज को हरतालिका तीज व्रत किया जाता है। इसमें भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इनकी पूजा से महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है। श्री भोलेशंकर बोले- हे गौरी! पर्वतराज हिमालय पर स्थित गंगा के तट पर तुमने अपनी बाल्यावस्था में बारह वर्षों तक अधोमुखी होकर घोर तप किया था। इतनी अवधि तुमने अन्न न खाकर पेड़ों के सूखे पत्ते चबा कर व्यतीत किए। माघ की विक्राल शीतलता में तुमने निरंतर जल में प्रवेश करके तप किया। वैशाख की…
Read Moreसौभाग्य दशमी व्रत कथा | Saubhagya Dashmi Vrat katha | Suhag dashmi Vrat katha
सभी बहनों को जय जिनेन्द्र। आज बहुत अच्छा पर्व है सुहाग दशमी का पर्व।सभी बहनें अपने अपने स्वभाव के लिए। इस व्रत का धारण करती है। आइए सभी बहनों में स्वर्गदशमी का व्रत क्यों किया जाता है? कथा सुनाने जा रही हूँ। मेरी कथा को ध्यान से सुनिए और सभी बहनें इस कथा को सुनने से पहले अपने हाथ में। खड़े चावल बिना टूटे हुए 10 चावल रख लें। पूरी कथा सुनने के बाद ही इस। चावल को क्या करना है, मैं बताती हूँ आइए। कथा को सुनिए। एक नगर…
Read MoreSawan Somwar Wishes : अबकी श्रावण में 5 सावन सोमवार, पहले-अंतिम सोमवारी पर सर्वार्थ सिद्धि योग साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जप
पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में सावन के महीने की शुरुआत 19 जुलाई से होगी और सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को आएगा वहीं इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का बेहद खास महत्व है क्योंकि महादेव को यह दिन समर्पित है।आइए जानते हैं इस साल सावन सोमवार किस-किस तारीख को है? 5 सावन सोमवार पर कौन-कौन से योग, नक्षत्र और तिथि हैं। इस साल का सावन सोमवार अतिशुभ फलदायी है क्योंकि पहली सोमवारी और अंतिम सोमवारी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है,…
Read More12 जून 2024 को शुक्र कर रहा है वृषभ राशि में गोचर, जानिए किस राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा?
वृषभ राशि में शुक्र गोचर शुक्र गृह को स्त्री ग्रह और सौंदर्य का संकेतक कहा गया है, 12 जून 2024 को शाम 6:15 बजे इस गोचर को करने वाला है। यह लेख वृष राशि में शुक्र गोचर के बारे में है। चूँकि शुक्र प्रेम और विवाह का प्रतीक है, इस स्त्री ग्रह पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है। ज्योतिषिय में शुक्र ग्रह का महत्व शुक्र गृह का अच्छा होना जीवन में सभी आवश्यक संतुष्टि, स्वास्थ्य और एक मजबूत मन प्रदान कर सकता है। एक मजबूत शुक्र जातकों को सभी…
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