Mayatit Vishnu Ji Aarti: जय श्री विष्णु! सभी भक्तों को प्रेमपूर्वक नमन। आइए, आज हम मायावी और सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु जी की आरती के इस शुभ अवसर पर उनकी महिमा का गान करें। भगवान विष्णु, जो संसार को संतुलन और स्थिरता प्रदान करते हैं, उनकी आरती से हमें जीवन में सद्भाव और समृद्धि की प्राप्ति हो। जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।मायातीत, महेश्वर मन-वच-बुद्धि परे॥ जय जगदीश हरे आदि, अनादि, अगोचर, अविचल, अविनाशी।अतुल, अनन्त, अनामय, अमित, शक्ति-राशि॥ जय जगदीश हरे अमल, अकल, अज, अक्षय, अव्यय, अविकारी।सत-चित-सुखमय, सुन्दर…
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श्री हरि विष्णु जी की आरती | Hari Vishnu Aarti
आज हम सब भगवान हरि, श्री विष्णु जी की पवित्र आरती के लिए एकत्र हुए हैं। भगवान विष्णु, जो सृष्टि के पालनहार हैं, उनके चरणों में नमन करते हुए, हम उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। आइए, भक्ति और श्रद्धा के साथ उनके गुणगान करें और आरती का आनंद लें। ॐ जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।भक्तजनों के संकट, छन में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे जो ध्यावै फल पावै, दु:ख बिनसै मनका।सुख सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटै तनका॥ ॐ जय जगदीश हरे मात-पिता तुम मेरे,…
Read Moreश्री गणेश जी की आरती | Ganesh ji Aarti
सभी भक्तों को गणपति बाप्पा के चरणों में सादर नमन। चलिए, आज की इस पवित्र गणेश आरती में भगवान गणेश जी का स्मरण कर, उनके चरणों में अपना समर्पण व्यक्त करते हैं। बुद्धि, विवेक और समृद्धि के देवता, विघ्नहर्ता गणपति जी की आरती का यह शुभ अवसर हमारे जीवन को आनंद और सौभाग्य से भर दे। आरती प्रारंभ करें। 🙏 जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवामाता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय …एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय …अंधन को आंख देत, कोढ़िन को…
Read Moreग्रहो की स्थति से उनसे होने वाले रोग और उनसे उपाय
सूर्य की विषम स्थितियाँ जब भी सूर्य नीच का या पाप ग्रहों से संबंधित अथवा शत्रु स्थान में स्थित होता है तो उस समय अति कष्टदायक सिद्ध होता है और अनेक रोगों का कारण होता है | सूर्य को अन्य विषम स्थितियों इस प्रकार हो सकती है- सूर्य के प्रभाव से होने वाले रोग जब सूर्य रोग कारक होता है तो वह निम्नलिखित रोगों की संभावना होती है पित्त, उष्णज्वर, शरीर में जलन, हृदय रोग, नेत्र रोग, चर्म रोग, रक्ताल्पत्ता, पीलिया, लीवर, हैजा, शिरोवरण, विषज व्याधियाँ,दाहज्वर, आदि | चंद्रमा की…
Read Moreआखिर क्यों 16 श्राद्ध के अंतिम दिन सभी का श्राद्ध करते हैं ?
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की विदाई की जाती है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ही सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। लेकिन इस बार सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्यग्रहण भी लग रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कब है सर्वपितृ अमावस्या, इसका महत्व और क्या हम इस दिन श्राद्ध कर्म के कार्य कर सकते हैं। सर्वपितृ अमावस्या की कथा(Story of Sarvpitri Amavasya) यह माना जाता है कि देवताओं के पितृगण ‘अग्निष्वात्त’ है जो सोमनाथ में…
Read Moreशिल्पा शेट्टी से लेकर रूपालीं गंगुली तक, कौन-कौन सी एक्ट्रेस नवरात्रि में कन्या पूजन कराती हैं
नवरात्रि में कन्या पूजन का बहुत महत्व है। माना जाता है कि अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का महत्व और बढ़ जाता है। इन दिनों कन्याओं को पूजन कर उन्हें भोजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। शास्त्रों में बताया गया कि माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन करना बहुत ही शुभ माना गया है। कन्याओं की पूजन करने से माता मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है। हमारे बॉलीबुड स्टार भी नवरात्रि में कन्याओं…
Read Moreतिरुपति से लेकर कृष्ण मंदिर तक, किन मंदिरो का प्रसाद जरूर खाना चाहिए
सनातन धर्म में जितना महत्व भगवान की पूजा का होता है। उतना ही महत्व पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का भी होता है। पूरे विधि-विधान से पूजा करने के बाद यदि प्रसाद नहीं लेते हैं, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। और उसका फल भी नहीं मिलता है।प्रसाद को देवता की कृपा और आशीर्वाद के रूप में माना जाता है, और इसे ग्रहण करने से भक्त देवता की दिव्यता और उनकी कृपा का हिस्सा बन जाते हैं। भारत में कई ऐसे मंदिर जहां का प्रसाद सबसे पवित्र माना जाता…
Read Moreविश्वकर्मा पूजा 2024: शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि
सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें सृष्टि के प्रथम शिल्पकार और निर्माणकर्ता के रूप में पूजा जाता है। हर साल कन्या संक्रांति के दिन, भगवान विश्वकर्मा की जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना से न केवल धार्मिक पुण्य प्राप्त होता है, बल्कि व्यवसायिक और आर्थिक क्षेत्र में भी विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। विश्वकर्मा पूजा कथा (Vishwakarma Puja Katha) पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि के प्रारंभ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रकट का अवतरण…
Read Moreपितृ पक्ष पूजा 2024: महत्व, कथा, विधि
भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष भी शुरू हो जाता है। श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष भी कहा जाता है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का महीना पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए होता है। इस माह में पितरों को याद किया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होने वाले पितृ पक्ष में पितरों को श्राद्ध और पिंडदान करने से परिवार में सुख समृद्वि और शांति आती है। इस वर्ष पितृ पक्ष…
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