सभी भक्तों को गणपति बाप्पा के चरणों में सादर नमन। चलिए, आज की इस पवित्र गणेश आरती में भगवान गणेश जी का स्मरण कर, उनके चरणों में अपना समर्पण व्यक्त करते हैं। बुद्धि, विवेक और समृद्धि के देवता, विघ्नहर्ता गणपति जी की आरती का यह शुभ अवसर हमारे जीवन को आनंद और सौभाग्य से भर दे।
आरती प्रारंभ करें। 🙏
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय …
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय …
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय …
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय …
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥ जय …
आज हम सब भगवान हरि, श्री विष्णु जी की पवित्र आरती के लिए एकत्र हुए…
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