पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार की देर रात दिल का दौरा पड़ने से 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सुषमा स्वराज देश की अकेली महिला राजनेता हैं, जिन्हें असाधारण सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शालीनता, सक्रियता और भाषण शैली की धनी सुषमा जी का निजी और राजनीतिक जीवन सबके लिए प्रेरणा है।
पूर्व विदेश मंत्री स्वराज जितनी राजनीती में असाधारण प्रतिभा की धनी थी उतनी ही वी अपनी निजी जीवन में भी जिंदादिल और दरियादिल स्वभाव के लिए दुनिया भर में जानी जाती थीं।
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अविभाजित पंजाब की अंबाला छावनी में हुआ था। उनका परिवार मूलरूप से पाकिस्तान के लाहौर का था, जो विभाजन के बाद अंबाला आ गया।
सुषमा स्वराज के पिता हरदेव शर्मा सनातनी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे। लिहाजा सुषमा ने बचपन से ही घर में राजनीतिक चर्चाएं सुनी थीं। हरदेव शर्मा मशहूर वैद्य भी थे जो गंभीर बीमारियों का देसी दवाओं से उपचार करने में माहिर थे।उनकी माता का नाम लक्ष्मी देवी था।सुषमा स्वराज के इकलौते भाई गुलशन शर्मा डॉक्टर हैं और अंबाला कैंट में बीसी बाजार में एक क्लीनिक चलाते हैं। बहन वंदना शर्मा कॉलेज में राजनीति विज्ञान विषय की प्रोफेसर हैं।
सुषमा जी ने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया था ।1970 में उन्हें अपने कालेज मंं सर्वश्रेष्ठ छात्रा के सम्मान से सम्मानित किया गया था। वे तीन साल तक लगातार एस॰डी॰ कालेज छावनी की एन सी सी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट और तीन साल तक राज्य की श्रेष्ठ वक्ता भी चुनी गईं। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से विधि की शिक्षा प्राप्त की।यहीं पर उनकी मुलाकात स्वराज कौशल से हुई यही दोनों का प्यार परवान चढ़ा और उन्होंने शादी करने का फैसला ले लिया।
पंजाब विश्वविद्यालय से भी उन्हें 1973 में सर्वोच्च वक्ता का सम्मान मिला था और इसी साल से स्वराज भारतीय सर्वोच्च न्यायलय में अधिवक्ता के पद पर कार्य करने लगी।
सुषमा स्वराज ने उस जमाने में प्रेम विवाह किया था जब लड़कियों को पर्दे में रखा जाता था। सुषमा के मां-बाप इस शादी के लिए राजी नहीं थे, तो दोनों ने परिवार की मर्जी के खिलाफ 13 जुलाई 1975 को प्रेम विवाह कर लिया था।
सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल उन दिनों सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील थे । उन्हें महज 34 साल की उम्र में देश का सबसे युवा एडवोकेट जनरल बना दिया गया था। स्वराज कौशल 37 साल की उम्र में मिजोरम के गवर्नर भी बन गए थे। वे 1990 से 1993 तक उस पद पर रहे।
स्वराज कौशल 1998 से 2004 तक हरियाणा से राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं।
सुषमा और स्वराज कौशल की एक बेटी है, जिसका नाम बांसुरी स्वराज। बांसुरी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की है और इनर टेम्पल से कानून की डिग्री ले चुकी हैं। अपने पिता की भांति वे भी आपराधिक मामलों की वकील हैं और दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं।
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