लोकसभा चुनाव 2019 में गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी भोजपुरी स्टार रवि किशन बड़े जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए है। पिछली बार 2014 में जौनपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने एवं बुरी तरह हारने के बाद रवि किशन इस बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे है।
लेकिन अभी आई एक खबर से लगता है की रवि किशन का नामांकन खतरे में है दरअसल रवि किशन जब 2014 में जौनपुर से चुनाव लड़े थे, तब नामांकन में उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक दिखाई थी। जबकि इस बार के लोकसभा चुनाव के नामांकन में शैक्षणिक योग्यता इंटर लिखी है।
गोरखपुर के निर्वाचन अधिकारी को मिली शिकायत के अनुसार रवि किशन ने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जौनपुर से जो पर्चा भरा था, उसमें उन्होंने उसमे अपनी आयु 44 वर्ष और शैक्षिक योग्यता मुंबई के रिजवी कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स से साल 1992-93 में बी.कॉम पास दिखाई थी वहीं मौजूदा लोकसभा चुनावों में भोजपुरी स्टार ने गोरखपुर से जो पर्चा दाखिल किया है, उसमें अपनी आयु 51 वर्ष और अपनी शिक्षा साल 1990 में 12वीं पास बतायी है। हालांकि कॉलेज दोनों नामांकनों में समान ही है।
कुशीनगर के युवक संतोष कुमार की शिकायत पर गोरखपुर जिला निर्वाचन अधिकारी मामले की जांच कर रहे है ।5 साल में उम्र 7 साल बढ़ना और शैक्षणिक योग्यता कम हो जाना रवि किशन के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है।अगर दर्ज कराई गई आपत्ति सही पाई जाती है तो रवि किशन का नामांकन पत्र निरस्त किया जा सकता है।
गोरखपुर की सीट भाजपा और योगी आदित्यनाथ के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है यह भाजपा का गढ़ है साल 1989 से ले कर 2018 तक कोई भी पार्टी अब तक इस गढ़ तक नहीं पहुंच पाई है। पिछले बार हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा किसी भी हाल में यह चुनाव जितना चाहती है और इसके लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है ऐसे में यदि रवि किशन का यहां से नामांकन रद्द हो जाता है, तो यकीनन यह भाजपा के लिए बड़ा झटका होगा।
रवि किशन के पहले अमेठी से भाजपा की प्रत्याक्षी तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के खिलाफ भी नामांकन पत्र में झूठी जानकारी देने की शिकायत दर्ज की जा चुकी है ईरानी ने 2004 में दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने पत्राचार के जरिए 1996 में आर्ट्स में बैचलर की डिग्री पूरी की थी वही इस बार के नामांकन में स्मृति ने घोषणा की थी कि वह स्नातक नहीं हैं। ईरानी ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1991 में हाईस्कूल परीक्षा पास की थी और 1993 में इंटरमीडिएट परीक्षा पास की थी।
भाजपा के प्रत्याक्षियों पर चुनाव आयोग की कारवाही कही इनके लिए मुसीबत न बन जाये। और भी ताज़ा तरीन वीडियोस के लिए हमारे साथ जुड़े रहिये ।
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