जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को रोक देना, सैलानियों और यात्रियों को वापस लौटाना, बड़ी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से वह कुछ बड़ा होने की आशंका जताई जा रही थी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घरों में नजरबंद कर लिया गया तथा कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। घाटी में इंटरनेट सेवाओं बंद करने के साथ ही जम्मू और श्रीनगर में धारा-144 लगा दी गई है। जम्मू में सभी स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।
इन सभी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर को लेकर एतिहासिक फैसला लिया है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की। उन्होंने यहां से धारा 370 हटाने की सिफारिश की जिसको लेकर सदन में काफी हंगामा भी हुआ है।लेकिन इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है। नए फैसले में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लद्दाख भी केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।
जानिए आखिर क्या है अनुच्छेद 370
यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। भारतीय संविधान के भाग 21 के तहत जम्मू और कश्मीर को यह अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रबंध वाले राज्य का दर्जा हासिल होता है।इसके मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है। इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए होती है।
जम्मू और कश्मीर के लिए यह प्रबंध शेख अब्दुल्ला ने वर्ष 1947 में किया था। शेख अब्दुल्ला को राज्य का प्रधानमंत्री महाराज हरि सिंह और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नियुक्त किया था। तब शेख अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर यह दलील दी थी कि संविधान में इसका प्रबंध अस्थायी रूप में ना किया जाए।
राज्य के सभी नागरिक एक अलग कानून के दायरे के अंदर रहते हैं, जिसमें नागरिकता, संपत्ति खरीदने का अधिकार और अन्य मूलभूत अधिकार शामिल हैं। इसी धारा के कारण देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं।
370 के साथ जम्मू कश्मीर के पास थे ये विशेष अधिकार
कश्मीर में 370 का असर खत्म किये जाने से जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. साथ ही घाटी को धारा 370 के जरिए जो विशेषाधिकार मिले हुए थे, वह भी खत्म हो गए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है, यानी लद्दाख अब एक अलग राज्य होगा।इसके साथ ही अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प भी पेश किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अगस्त को देश को संबोधित कर सकते हैं ।
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