नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने गुरुवार को दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में करीब 8000 से ज्यादा देसी-विदेशी मेहमान की मौजूदगी में मोदी जी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस भव्य शपथ ग्रहण समाहरोह ने 14 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, छह दर्जन से अधिक देशों के राजदूत व उच्चायुक्त और देश भर के कई बड़े उद्योगपति, फ़िल्मी सितारे व कई गणमान्य लोग सभी उपस्थित थे।
लेकिन साल 2014 की तरह ही इस बार भी नरेंद्र मोदी जी ने अपने परिवार के किसी सदस्य को शपथ ग्रहण समारोह का न्योता नहीं दिया।मोदी जी की मां हीराबेन मोदी ने अपने बेटे के शपथ ग्रहण समारोह को दिल्ली से दूर गांधीनगर के घर में देखा और जैसे ही नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, मां हीराबा खुश होकर ताली बजाने लगीं यह द्रश्य काफी भावुक कर देने वाला था।
तो आखिर क्या वजह हे की मोदी जी ने दूसरी बार भी प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह से अपने परिवार को दूर रखा? दरअसल नरेंद्र मोदी जी हमेशा से ही परिवारवाद के खिलाफ रहे हे अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी मोदी जी ने कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर कई तीखे हमले किये थे ।
कई मोको पर पीएम मोदी ने देश की जनता के सामने सवाल किया कि आखिर ऐसी क्या वजह रही है जिसके चलते एक ही परिवार ने लम्बे समय तक देश पर शासन किया। परिवारवाद पर खुद पीएम मोदी क्या रुख रखते हैं? इसे हम उनके शपथ ग्रहण समारोह से समझ सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में देश-दुनिया के तकरीबन 8,000 दिग्गजों को आमंत्रित किया गया मगर उनके खुद के परिवार को इस इवेंट से दूर ही रखा गया।
वही मोदी जी का परिवार भी उनकी इस भावना का सम्मान करता हे जब मोदी जी की बहन बसंती बेन से इस समारोह में न्योता नहीं मिलने के बारे के पूछा गया तो उन्होंने खुश होते हुए कहा की “उनका जीवन राष्ट्र को समर्पित है”।
प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात में बड़ा परिवार है। सबसे बड़े भाई सोमनाथ मोदी वडनगर में वृद्धाश्रम चलाते हैं। उनके दूसरे बड़े भाई अमृत मोदी अहमदाबाद के घाटलोदिया में एक निजी कंपनी में फिटर के पद से रिटायर हुए हैं। छोटे भाई पंकज गुजरात सूचना विभाग में अफसर हैं जो मां हीराबेन के साथ अपने तीन कमरे के मकान में रहते हैं एवं सबसे छोटे भाई प्रहलाद मोदी की गल्ले की दुकान है और एक बहन बसंती बेन है जो हर रक्षा बंधन पर उन्हें राखी बांधती है।
मोदी जी हमेशा से ही अपने परिवार की राजनीती की चकाचोंध से दूर ही रखना चाहते हे उन्हें अपने भाइयों के बेटे-बेटियों से बेहद लगाव है।
गौरतलब है कि लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के पश्चाद और शपथ लेने से पहले 26 मई को जब मोदी गुजरात आए थे, तब मां हीराबा का आशीर्वाद लेने के लिए अपने छोटे भाई पंकज मोदी के गांधीनगर स्थित आवास पर गए थे। मोदी 23 अप्रैल को गुजरात में मतदान से पहले भी अपनी मां का आशीर्वाद लेने गए थे। अपने किसी सरकारी दौरे के दौरान गुजरात आने पर मोदी जी अपनी माँ का आशीर्वाद लेने एवं परिवार से मिलने घर चले जाते हे।
मोदी जी से अक्षय कुमार के साथ हुए इंटरव्यू में भी यही कहा था की वो अब परिवार भावना से बहुत आगे निकल चुके है। गुजरात में करीब डेढ़ दशक तक मुख्यमंत्री रहते और पिछले पांच साल से पीएम रहते मोदी अपने सरकारी आवास पर अकेले ही रहे हे, उन्होंने सरकारी आयोजनों से परिवार के सदस्यों को हमेशा दूर ही रखा। और वो अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर चुके हे।
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