किसी भी मैच में सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट होता है.वह मैच किस स्टेडियम में खेला जा रहा है.और जब बात मैचों के लिए अच्छे स्टेडियम की हो.तो फिर मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम कैसे पीछे रह सकता है. वानखेड़े स्टेडियम में वह सभी फैसलिटी है. जो एक अच्छे स्टेडियम में होनी चाहिए.इस स्टेडियम 1डे से लेकर वर्ल्ड कप मैच तक खेलें जा सकते हैं.आइए जानते हैं, वानखेड़े स्टेडियम में क्या-क्या सुविधाएं हैं.
वानखेड़े स्टेडियम कब बना(When was Wankhede Stadium built?)
वानखेड़े स्टेडियम की स्थापना 1974 में हुई थी.इस स्टेडियम का नाम राजनेता सेशराव कृष्णराव वानखेड़े के नाम पर रखा गया है, जो एक बेहतरीन क्रिकेट प्रबंधक भी थे. शुरूआत में यहां पर 15 हजार लोगों की बैठने की कैपिसिटी थी. जिसे अब बढ़ाकर 33,108 कर दी गई है.वानखेड़े स्टेडियम में 1975 में भारत बनाम इंग्लैंड पहला टेस्ट मैच खेला गया था.
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वानखेड़े स्टेडियम की खासियत(Specialty of Wankhede Stadium)
1.यह स्टेडियम 20 एकड़ में फैला हुआ है. लोगों को गर्मी से बचाने के लिए यहां पर टेफ्लॉन फाइबर छत का उपयोग किया गया है.
2.वानखेड़े स्टेडियम की पिच लाल मिट्टी की बनी है. जो स्टेडियम की सतह को काफी कठोर बनाती है.
3.वानखेड़े स्टेडियम में Toss जीतना इतना महत्वपूर्ण नहीं होता है.लेकिन फिर भी कोई टीम अगर Toss जीती है.तो वह पहले गेंदबाजी पसंद करना पसंद करती है.
4.समंदर के नजदीक होने की वजह से इस मैदान के पिच का मिजाज समय-समय पर बदलता रहता है. जो कभी स्पिन तो कभी स्विंग गेंदबाजों का मददगार बन जाता है.
वानखेड़े स्टेडियम के रिकार्ड्स(Wankhede Stadium Records)
- भारत ने इसी मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप 2011 जीता था. जो हर किसी के लिए एक बड़ी याद है.
2.सचिन तेंदुलकर ने आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ इसी स्टेडियम में खेला था.
3.युवराज सिंह से पहले 10 जनवरी 1985 को रवि शास्त्री ने एक ओवर में 6 छक्के इसी स्टेडियम में लगाए थे.
4.5 नवंबर 1987 सुनील गावस्कर अपना आखिरी मैच इसी स्टेडियम में हार गए थे.
5.22 फरवरी 1993 विनोद कांबली ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 224 रन इसी स्टेडियम में बनाये थे.