टेलेविज़न कपल पूजा बनर्जी और कुणाल वर्मा के घर किलकारियां गूंजी हैं। पूजा ने एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया है। बच्चे के जन्म के बाद यह सिलेब्रिटी कपल खुशी से फूले नहीं समा रहा है।
पूजा और कुणाल अपने बच्चे को घर ले आये है और बेटे की पहली झलक भी दिखाई है हलाकि उन्होंने अपने बच्चे का चेहरा यही दिखाया है।
बच्चे के साथ पहली फॅमिली फोटो शेयर करते हुए पूजा ने एक लम्बी चौड़ी पोस्ट में अपनी डिलीवरी का अनुभव भी शेयर किया है। पूजा लिखती है “सबसे पहले तो में आप सभी को आप लोगो द्वारा हमारे बच्चे के लिए दिए प्यार और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देना चाहती हु। और आप लोगो के मैसेज का जवाब नहीं दे पाने के लिए माफ़ी चाहती हु |
यह हम दोनों के लिए एक बेहद भावनात्मक यात्रा है क्योंकि बीते कुछ दिनों में हमने बहुत कुछ सहा है। पहले दिन से शुरू करू तो एक स्लीपलेस रात के बाद हम 9 अक्टूबर की सुबह हॉस्पिटल पहुंचे। हम उत्साह, चिंता, खुशी और सभी मिश्रित भावनाओं से भरे हुए थे क्योकि हम अपने बच्चे को पहली बार देखने के लिए बहुत उत्साहित थे और हम उसका इस दुनिया में स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार थे।
डॉक्टरों के साथ पिछली चर्चा के अनुसार मेरे पति सर्जरी के दौरान मेरे मोरल सपोर्ट के लिए मेरे साथ ऑपरेशन थिएटर के अंदर जाने वाले थे, लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण कोरोना स्थिति के कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई और मुझे इसके लिए अकेले जाना पड़ा। जैसे ही मेने ऑपरेशन थिएटर में प्रवेश किया मेरी आखे आंसुओ से भर गई मै डर गई थी क्योकि ये मेरे लिए पहली बार था।
मुझे बिलकुल नहीं पता था की मेरे साथ क्या होने वाला है लेकिन मुझे उम्मीद थी कि अगर मैं अपने पति के हाथों को पकड़ सकती तो मैं ठीक हो जाऊंगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मै फिर भी आगे गई उस वक़्त मेरे दिमाग में बीएस यही था की हमारा बेबी कैसा होगा और इमैजिन कर रही थी की लस्का या लड़की जो भी वो कैसे दिखेगा ।
सर्जरी शुरू हो गई और कुछ ही मिनटों में मैंने उसका पहला रोना सुना लेकिन मैं उसके चेहरे को ठीक से देख भी नहीं पाई और वे उसे साफ करने के लिए ले गए थे। मैं रोमांचित थी और पहली बार उसे देखने का इंतजार कर रही था, फिर उन्होंने मुझे कुछ सेकंड के लिए बेटे का चेहरा दिखाया और कहा कि मैं उसे रिकवरी रूम में देख सकुंगी।
बाकी सर्जरी खत्म हो गई और मैं अपने बच्चे को ठीक से देखने के लिए इंतजार करती रही लेकिन मुझे निराशा हाथ लगी मुझे पता चला कि बच्चे को एनआईसीयू में ले जाया गया था लेकिन उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मेरे दिल की धड़कन रुक गई मुझे समझ नहीं आया की कैसे रियेक्ट करू। फिर हमारा इंतजार शुरू हुआ, दिन 1, दिन 2 दिन 3 हम दोनों धैर्य खो रहे थे।
हम दोनों नहीं जानते हैं कि वह कैसा दिखता है क्योकि हमने उसे मुश्किल से कुछ सेकंड के लिए देखा था । अंत में चौथे दिन बहुत प्रार्थनाओं के बाद वह रिकवर हुआ और हमें दिया गया और हम उससे पहली बार मिले। हमारा दिल और ज़िन्दगी खुशियों से भर गई। हम दोनों अपने बच्चे को बहुत प्यार करते है लेकिन में वो 3 रात जो उसके बिना गुजारी है वो कभी नहीं भूल पाउगी। मैं प्रार्थना करती हूं कि जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हो और उन्हें कभी अपनी माताओं से दूर न होना पड़े।
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