गुलमर्ग से लेकर धर्मशाला तक आप सर्दियों में भारत की इन खूबसूरत जगहों में घूमने जा सकते हैं

सर्दियों का मौसम आते ही लोग घूमने का प्लान बनाने लगते हैं.यदि आप भी अगर आप भी घूमने की कर रहे हैं प्लानिंग, तो आज हम आपको कुछ बेहद ही शानदार जगहों के बारे में बताने वाले हैं.जिन्हें आप अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में शामिल कर सकते हैं. ये जगहें दोस्तों या फैमिली के साथ घूमने के लिए एकदम बेस्ट हैं. यहां का नजारा देखकर दिल खुश हो जाता है.गर्मियों में तो ये जगह खूबसूरत लगती ही हैं, लेकिन ठंड में इनका नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला हो जाता है.चलिए हम आपको इस लेख में बताते भारत की खूबसूरत विंटर डेस्टिनेशन.

गुलमर्ग(Gulmarg)

ये हिल स्टेशन जन्नत से कम नहीं है


विंटर डेस्टिनेशन की लिस्ट में सबसे ऊपर गुलमर्ग आता है. ये एक ऐसा हिल स्टेशन है जो सर्दियों में किसी जन्नत से कम नहीं लगता. बर्फीली हवाएं, ठंडी हवाएं, खुशनुमा माहौल, ये सब गुलमर्ग की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं.यहां की अपर्वथ चोटी स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसी स्नो एक्टिविटीज के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती है.अगर आप यहां और एडवेंचर चाहते हैं तो ट्रैकिंग भी एक बेस्ट ऑप्शन है.और हां यहां की केबल राइड पर घूमना तो जरा भी न भूलें, दोस्तों और फैमिली के साथ ये राइड किसी एडवेंचर से कम नहीं होगी.

गंगटोक(Gangtok)

गंगटोक एक अनूठा हिल स्टेशन है


पुराने भारत-चीन रेशम मार्ग का घर, गंगटोक एक अनूठा हिल स्टेशन है, जहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ जरूर है. बौद्ध तीर्थयात्रियों से लेकर ट्रेकर्स तक, पर्यटकों से लेकर हनीमून मनाने वालों तक, हर तरह के यात्री यहां कुछ न कुछ देख सकते हैं.हर तरफ हरियाली और जीव-जंतु, शांत ऊंचाई वाली झीलें, रंग-बिरंगे मठ और असली हिमालय के नज़ारे आपको यहां 4 से 5 दिन और ज्यादा रुकने के लिए मजबूर कर सकते हैं.

रण ऑफ कच्छ( Rann Of Kutch)

फैमिली के साथ घूमने के लिए ये जगह भी बिल्कुल परफेक्ट है


रंगीन सफेद रेत रेगिस्तान उत्सव के लिए दुनिया भर में जाना जाता है.कच्छ का रण नवंबर और फरवरी के बीच की अवधि के लिए हर साल सर्दियों के मौसम में रण उत्सव का आयोजन करता हैयह त्यौहार सांस्कृतिक कार्यक्रमों और स्थानीय व्यंजनों के माध्यम से गुजरात के जातीय आकर्षण को प्रदर्शित करता है.ट्रेडिशनल खाना, हैंडीक्राफ्ट, रेगिस्तानी सफारी जैसी चीजें इस जगह को और खूबसूरत बना देती हैं.कच्छ की खूबसूरती को देखने के लिए आप हॉट एयर बलून राइड भी ले सकते हैं.दोस्तों और फैमिली के साथ घूमने के लिए ये जगह भी बिल्कुल परफेक्ट है.

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औली( Auli)

सर्दियों में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है


भारत की स्कीइंग राजधानी औली निश्चित रूप से भारत में सर्दियों में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है.नंदा देवी, नीलकंठ और माना पर्वत की शानदार चोटियां औली में देखने के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं. औली में आप पूरे साल में कभी भी हरी-भरी घाटियां देख सकते हैं, लेकिन सर्दियों में इस जगह का नजारा कुछ अलग ही होता है. दोस्तों के साथ या परिवार वालों के साथ यहां आप स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग, ट्रेकिंग और चेयर कार राइड का पूरा मजा ले सकते हैं.

जैसलमेर(Jaisalmer)

जैसलमेर, या गोल्डन सिटी थार रेगिस्तान क्षेत्र में स्थित है


जैसलमेर वैसे गर्मियों में जाने के लिए सही नहीं है.अक्सर इस जगह पर घूमने की सलाह सर्दियों में ही दी जाती है, तो लीजिए इस लिस्ट में हमने जैसलमेर को भी जोड़ दिया है.जैसलमेर, या गोल्डन सिटी थार रेगिस्तान क्षेत्र में स्थित है, जहां आपडेजर्ट कैंपिंग, ऊंट की सवारी, क्वाड बाइकिंग, टिब्बा बैशिंग, पैरासेलिंग और बहुत कुछ जैसी गतिविधियां में शामिल हो सकते हैं. जबकि डेजर्ट फेस्टिवल, नेरसी म्यूजिक स्कूल, कुलधरा विलेज और सोनार किले में आप जैसलमेर की संस्कृति को जान सकते हैं.एक अच्छा गर्म स्थान होने की वजह से ये जगह सर्दियों में घूमने के लिए एकदम परफेक्ट है.

जोधपुर( Jodhpur)

जोधपुर को देखने के लिए सर्दी सबसे अच्छा समय है


राजस्थान के ‘ब्लू सिटी’ जोधपुर को देखने के लिए सर्दी सबसे अच्छा समय है .7 – 27 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान के साथ, आप जोधपुर के प्रसिद्ध स्थलों को खुलकर देख सकते हैं. इनमें भव्य मेहरानगढ़ किला, शानदार उम्मेद भवन पैलेस और शांत महामंदिर मंदिर शामिल हैं, जहां आप घूमने जा सकते हैं.

धर्मशाला(Dharamshala)

धर्मशाला को ‘छोटा ल्हासा’ कहा जाता है


धर्मशाला जिसे अक्सर ‘छोटा ल्हासा’ कहा जाता है, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है.धौलाधार रेंज से घिरा, मोटी अल्पाइन वनस्पति, संकरी गलियां और औपनिवेशिक इमारतें, इसे भारत का बेहतरीन हिल स्टेशन बनाती हैं। इसकी लोकप्रियता का एक और कारण है.तिब्बतियों के एक बड़े समुदाय की उपस्थिति, जिसकी वजह से लोग यहां आना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.इसकी उपस्थिति ने धर्मशाला के भोजन, संगीत और परिवेश को बहुत प्रभावित किया है.