जानिए कहानी भारत के इजराइल की, क्यों वेकेशन के लिए बेस्ट प्लेस है कसोल

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कसोल जंगली पहाड़ों से सजी और पार्वती नदी के किनारे एक खुबसूरत जगह है, जिसे भारत का इजराइल कहा जाता है।देश विदेश से लांखो पर्यटक घूमने आते है। कहने को तो ये हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा गांव है जिसे आप महज आधे घंटे में घूम लेंगे, लेकिन यहां शहरों की तरह ही सारी सुविधाएं मिलेंगी। पार्वती नदी के किनारे बसा ये गांव वैसे तो बहुत यूनीक है, लेकिन आपको शायद इसके बारे में कुछ खास बातें न पता हों। आइए आपको बताते हैं क्यों खास है कासोल

कसोल कैसे बना

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कसोल

जिसे अभी हम हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध गांवों में से एक मान रहे हैं वो असल में सिर्फ एक बस स्टॉप हुआ करता था। करीब एक दशक पहले यहां लोगों का बसना शुरू हुआ और 2014 के बाद से यहां ट्रेकिंग के शौकीन लोगों का आना और विदेशी टूरिस्ट का जमना शुरू हुआ।कसोल में एक ब्रिज है जिसकी वजह से ये ओल्ड कसोल और न्यू कसोल में डिवाइडेड है।कसोल में सबसे ज्यादा इजराइली टूरिस्ट आते हैं। यहां खाने में भी आपको इजराइली टच मिलेगा। यहां होटल, बुक शॉप और अन्य जगहों पर इजराइली टूरिस्ट का तांता लगा रहता है।

बेस्ट टूरिस्ट प्लेस

कसोल बेस्ट टूरिस्ट प्लेस माना जाता है,क्योंकि यहां पर आपको वो सभी चीजें एक साथ मिलेगा जो आपको अपनी लाइफ में चाइए।यहां आपको फैमिली वेकेशन वाली जगह से लेकर हनीमून डेस्टिनेशन तक सब मिल जायेंगे। आपको धार्मिक से लेकर प्राकृतिक वातावरण तक मिल जायेगा।चलिए आपको बताते है कसोल में घूमने लायक क्या क्या है।

मणिकरण साहिब

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मणिकरण साहिब

अगर आप धार्मिक व्यक्ति हैं तो कसोल स्थित मणिकरण साहिब गुरुद्वारा आपको जरूर पसंद आएगा. यहां पर एक कुंड है जिसमें हर मौसम में गर्म पानी आता है. इस कुंड को काफी पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से स्किन से संबंधित रोग और कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं.

पार्वती नदी

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पार्वती नदी

पार्वती नदी कसोल की खास जगहों में से एक है. पार्वती नदी का साफ और क्रिस्टल क्लियर पानी आपको भी मंत्रमुग्ध कर सकता है. ऐसे में कसोल जाएं तो यहां जाना ना भूलें. हालांकि इस जगह पर आप कोई फन एक्टिविटीज नहीं कर सकते लेकिन आराम से बैठकर नदी को बहते हुए देखना और पानी की आवाज सुनना अपने आप में ही एक अलग अनुभव है.

खीर गंगा पीक

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खीर गंगा पीक

अगर आप कसोल घूमने के लिए जा रहे हैं तो खीर गंगा पीक जाना बिल्कुल भी ना भूलें. अगर आप पहली बार कसोल जा रहे हैं तो भी यहां आपको जरूर जाना चाहिए. खीर गंगा पीक कसोल के कुछ आसान ट्रेक में से एक है. खीरगंगा को भगवान शिव के धरती के नाम से जाना जाता है. खीरगंगा ट्रेक के पीक पर पहुंचने के बाद आप यहां कैंपिंग भी कर सकते हैं. ये भी बेहद मजेदार अनुभव रहेगा.

तोश गांव

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तोश गांव

समुद्र तल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तोश, तोश नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव है. पार्वती घाटी के एक किनारे पर स्थित तोश कसोल में एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण देश भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है. तोश जाने का सबसे सही समय सर्दियों में होता है।सर्दियों में यहां आकर आपको लगेगा जैसे आप स्वर्ग में आ गए हैं।

तीर्थन वैली

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तीर्थन वैली

तीर्थन वैली कसोल से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस शांत और खूबसूरत जगह पर जाकर आपको वापस आने का मन ही नहीं होगा. यहां आप कई तरह की चीजें कर सकते हैं जैसे रिवर कैंपिंग और ट्रेकिंग आदि. साथ ही यहां मौजूद वॉटरफॉल भी काफी खूबसूरत हैं।चलाल गांव- कसोल से चलाल गांव पहुंचने के लिए आपको 45 मिनट का ट्रेक करना पड़ता है. चलाल गांव समुद्र तल से 5,366 फीट ऊंचाई पर है. यहां इजराइली पर्यटकों की भीड़ के चलते कई इजराइली रेस्टोरेंट्स हैं जहां आपको खाने के लिए कई ऑप्शन मिल जाएंगे।

कैसे जाएं कसोल

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कसोल कुल्लू डिस्ट्रिक्ट में है और ये शिमला से 228 किलोमीटर दूर है। दिल्ली से इसकी दूरी 511 किलोमीटर है। दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ इलाके से आपको मनाली के लिए ओवरनाइट बस मिल जाएगी। इसका किराया 1000-2000 रुपए के बीच हो सकता है। आप टू-सीटर बस लेते हैं या फिर स्लीपर उसके हिसाब से किराए में बदलाव आता है।मनाली पहुंचने के बाद आप लोकल बस या टैक्सी कर कसोल पहुंच सकते हैं। मणिकरण तक जाने वाली कोई भी बस आपको यहां पहुंचा देगी। अगर आप अपनी गाड़ी कर कसोल जा रहे हैं तो यहां पहुंचने में आपको 13-15 घंटे तक लग सकते हैं। अगर बस करके जा रहे हैं तो 12 घंटे बस के और उसके आगे 4 घंटे तक कसोल पहुंचने में लग सकते हैं।।

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