भले ही आज के जमाने में हम मुगलों के इतिहास को भूलने की तैयारी में है लेकिन हम मुगलों द्वारा बनाई गई इमारतों को कभी नहीं भूल पाएंगे। जब भी हम इन इमारतों को देखेंगे तो हमें याद आएगा वो समृद्ध मुगल काल जो हमारे भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। मुगलों द्वारा बनाई गई इमारतों की कलाकृति बहुत ही अदभुत है।ये ऐसी इमारतें हैं जो सदियों तक खराब नहीं होंगी। आइए जानते है इन अदभुत मुगल इमारतों के बारे में।
लाल किला, भारत में मुगल वास्तुकला का एक और शानदार प्रदर्शन है। आज लाल किला यूनेस्को की विश्व धरोहरों के स्थलों में शामिल है। शाहजहां के शासनकाल के दौरान निर्मित हुआ लाल किला, भारत के महत्वपूर्ण मुगल स्मारकों में से एक है। यहां हर साल प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं। यहां आप किले के अलावा, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मोती मस्जिद, रंगा महल और मीना बाजार आदि जैसी और भी कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक संरचनाएं भी देख सकते हैं।
जामा मस्जिद, दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। यह मुस्लिम लोगों की एक इबादत गाह है, जहां कम से कम 25,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां के शासनकाल के दौरान, लगभग 1650 से 1656 के बीच किया गया था। इसमें 3 विशाल गुंबद और 4 प्रमुख मीनारें हैं, जहां से आप शहर का खूबसूरत नज़ारा देख सकते हैं।
मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित, यह स्मारक उनकी पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाई थी। सफेद संगमरमर से बना यह खूबसूरत मकबरा दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इस शानदार वर्ल्ड हेरिटेज साइट को बनने में लगभग 22 साल लगे थे। संगमरमर से बना ताजमहल मुख्य तौर पर इस्लामी, तुर्की और फारसी वास्तुशिल्प डिजाइनों का प्रतिनिधित्व करता है। मुगलों की इस वास्तुकला को देखने के लिए आप आगरा जाना होगा।
आगरा में ताजमहल के अलावा, किला भी भारत में मुगलों द्वारा बनवाई गई सबसे प्रभावशाली स्मारकों में से एक है। सम्राट अकबर द्वारा निर्मित यह किला उस वक्त मुख्य तौर पर निवास स्थान हुआ करता था। फिर बाद में, इसे शाहजहां द्वारा एक महलनुमा निवास के रूप में बनवा दिया गया था। इसके अंदर आप दीवान-ए-आम, जहांगीरी महल, और दीवान-ए-खास आदि जैसी अन्य मुगल इमारतें भी देख सकते हैं।
यह प्राचीन शहर भारत में कई प्रसिद्ध मुगल स्मारकों का घर है, जिन्हें सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। यह लगभग 1572 और 1585 के बीच मुगल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। अब यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। यहां आपको जामा मस्जिद, जो देश की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। शेख सलीम चिश्ती का मकबरा, बुलंद दरवाजा, जो दुनिया का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है और जोधा बाई का महल आदि यह शहर अपने अंदर समेटे हुए है।
बीबी का मकबरा दौलताबाद और औरंगाबाद के बीच दक्कन के पठार की पृष्ठभूमि में स्थित है। कहा जाता है कि इस वास्तुशिल्प का निर्माण औरंगजेब के बेटे राजकुमार आजम शाह ने अपनी मां दिलरस बानो बेगम के लिए करवाया था।
मुगलों की खूबसूरत वास्तुकला और स्मारकों में हुमायूं का मकबरा भी आता है, जो भारत के बेहतरीन मकबरों में से एक है। यह शानदार गुंबददार मकबरा लगभग 1572 में मुगल सम्राट हुमायूं की कब्र के साथ निर्मित किया गया था। यह शहर का आकर्षक और दार्शनिक स्थाल है। आप भी इस सुंदर स्मारक को देखने जरूर जाएं।
दिल्ली और आगरा के अलावा मुगल वास्तुकला भारत के हर कोने में मौजूद है। श्रीनगर में भी मुगलों का सबसे खूबसूरत स्मारक परी महल मौजूद है, जो भारत का सबसे अच्छा संरक्षित और असली सुंदरता का प्रतीक है। ‘पैलेस ऑफ फेयरीज’ में तब्दील यह खूबसूरत महल सुंदर बगीचों, पौधों और फूलों बखूबी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
अगर आप घूमने के साथ-साथ इतिहास के भी शौकीन हैं, तो भारत की यह मुगल खूबसूरत इमारत आपको ज़रूर देखनी चाहिए। मुगल और राजपुताना शैली की वास्तुकला के साथ, अकबरी किला और संग्रहालय अतीत की भव्यता को निहारता है। जहां के संग्रहालय में मुगलों और राजपूतों से संबंधित मूर्तियों, कवच और अन्य कलाकृतियों का विशाल संग्रह देखने को मिलेगा।
इन तमाम वास्तुकला और शिल्पकलाओं के अलावा, सफदरजंग मकबरा मुगलकालीन स्थापत्य शैली में निर्मित अंतिम मकबरों में से एक माना जाता है। संगमरमर और बलुआ पत्थर से निर्मित, यह उत्तम मकबरा मुगल सम्राट अहमद शाह बहादुर के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इसका विशाल गुम्बद, ऊंचे मेहराब, मनीकृत उद्यान और फव्वारा पर्यटकों को बखूबी आकर्षित करते हैं।
सूर्य की विषम स्थितियाँ जब भी सूर्य नीच का या पाप ग्रहों से संबंधित अथवा…
भारत को विभिन्न त्योहारों और उत्सवों का देश माना जाता है। हर दिन देश के…
भारत अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और विविधताओं के लिए प्रसिद्ध है, यहां हर त्योहार हर्षोल्लास…
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की विदाई की जाती है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष…
बॉलीवुड में कई सितारों के बच्चों ने साल 2024 में एक्टिंग में डेब्यू किया है।…
मिस यूनिवर्स बनने जा सपना तो हर कोई देखता है। मगर कुछ ही लोगों के…