अपनी लाईफ से बोर हो चुकें हैं और थोड़ा ब्रेक लेकर अपने स्पेशल वन या अपनी लविंग फैमिली के साथ क्वॉलिटी टाईम स्पेंड करना चाहते हैं लेकिन लोकेशन का आइडिया नहीं हो रहा है की कहां जाए तो चलिए आज आपको बताते है एक ऐसी जगह जहां जाके आप बोलेंगे काश इसका पता पहले आपको मिल जाता।चंडीगढ़ से लगभग 200-250 किलोमीटर के आसपास कुछ ऐसी गुमनाम जगहें हैं जहां के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इन गुमनाम जगहों पर लोग बहुत कम संख्या में घूमने के लिए जाते हैं। चंडीगढ़ से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर एक खुबसूरत जगह है और इस खुबसूरत जगह का नाम चैल है जिसे कई लोग चैल हिल स्टेशन के नाम से भी जानते हैं, तो आइए जानते हैं चैल के बारे में
चैल एक खूबसूरत सा प्रकृति की गोद में बसा शांत हिल स्टेशन है और शिमला से यहां सिर्फ 2 घंटे की ड्राइव करके पहुंचा जा सकता है। समुद्र तल से 2250 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह छोटा सा हिल स्टेशन है। यहां आपको पर्वत पठार नदी मैदान सब मिलेंगे। चीड़, देवदार और चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों से घिरी घाटियाँ आपको दूर से ही पास बुलाती हैं।
जैसे की हमने आपको पहले ही बता दिया है की चैल कितना खुबसूरत है अब आइए आपको बताते हैं चैल में घूमने लायक क्या क्या है।
अगर आपको नेचुरल प्लेसेस में घूमने का शौक है और आप इसके साथ ही वर्ल्ड लाइफ अडवेंचर देखने में इंटरस्टेट हैं तो आप चैल नेशनल पार्क घूम सकते हैं। यहां पर आपको वर्ल्ड वाइड फोटोग्राफी करने को मिलेंगी।इसके अलावा यहां आपको एनिमल मिलेंगे और आपके फैवरेट वार्डस मिलेंगे। घने जंगल और देवदार के पेड़ इस जगह में चार चांद लगाने का काम करते हैं।
आप क्रिकेट के दीवाने है तो आपको बता दें कि चैल क्रिकेट ग्राउंड को भारत का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड माना जाता है। समुद्र तल से लगभग 2350 मीटर की उंचाई पर मौजूद इस मैदान में क्रिकेट के साथ-साथ पोलो भी खेला जाता है। अगर इतिहास के पन्नों पर नज़र डालें तो इस ग्राउंड को महाराजा भूपेंद्र सिंह ने लगभग 1893 में इसे बनवाया था।
अप नैचुरल चीजों के साथ साथ कुछ धार्मिक जगह भी एडवेंचर करना चाहते हैं तो आप यहां का काली मंदिर विजिट कर सकते हैं चैल हिल स्टेशन में मौजूद यह मंदिर बेहद ही प्राचीन मंदिर है। स्थानीय लोगों के लिए भी यह मंदिर बेहद पवित्र है। आपकी बता दें यह मंदिर काफी ऊंचाई पर है। दर्शान के साथ साथ आप यहां पार ट्रेकिंग भी कर सकते हैं।
चैल में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन और ऐतिहासिक जगहों में से एक है चैल पैलेस। यह एक खूबसूरत महल है जिसकी वास्तुकला देखते ही बनती है। महल के आसपास मौजूद हरियाली भी अपका मन अपनी और कर लेगी। इसके अलावा चैल में मौजूद ऐसे कई खूबसूरत पार्क हैं जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि यह महल वर्तमान में यह एक होटल है।
साधुपुल लेक चैल की बेस्ट शांत लोकेशन है। यहाँ पर आपको बोटिंग करने को मिल जाएगा। इसके आलावा आपको रेस्ट्रारेंट मिल जाएगा। यहां के रेस्ट्रेरेंट में आपको सारी खाने पीने की चीजें मिल जाएंगी। ठंडे झील के पानी में अपने पैरों को डुबोते हुए अपने फेवरेट स्नैक्स और ड्रिंक ले।
सिद्ध बाबा का मंदिर है, जो संत सिद्ध बाबा को समर्पित है। इसको लेकर एक कथा है कि यह मन्दिर महाराजा भूपिंदर सिंह के सपने में दिखाई दिया था।सपने ने राजा को मंदिर के निर्माण का आदेश दिया। उसके बाद राजा ने यहां भव्य मंदिर बनवाया। यहां जाकर आपको अलग ही आध्यात्मिक अनुभव होगा।
चैल गुरुद्वारा के बारे में दिलचस्प बात यह है कि यह एक चर्च जैसा दिखता है। यह 1907 में बनाया गया था, चैल गुरुद्वारा में गुरुपर्व और बैसाखी जैसे सिख त्योहारों के समय काफी भीड़ रहती है। यहां पर प्रार्थना करने के लिए अच्छी जगह है।साथ ही बिना पैसे के आप यहां रुक सकते है।
क्या आप एडवेंचर फ्रीक हैं? यदि हां, तो आप गौरा और झज्जा की पथरीली पगडंडियों पर ट्रेकिंग करना पसंद करेंगे। पहाड़ों की ठंडी और शांत हवा का आनंद लेते हुए ऊंचे देवदार के पेड़ों की छाया में टहलें। कुछ बेहतरीन नज़ारे हैं जहाँ आप बैठकर प्रकृति की कच्ची सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। चैल से ट्रेक शुरू करें और गौरा और झज्जा तक जाएँ।
ट्रेन: ट्रेन के लिए रेलवे स्टेशन कालका है, जो 81 किमी की दूरी पर है। कालका से चैल पहुँचने के लिए, आप बस में जा सकते हैं या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
रोड: सरकार और निजी तौर पर चलने वाली बसें अक्सर चैल और उसके आस पास के शहरों, जैसे – दिल्ली, शिमला, चंडीगढ़, कालका और कंडाघाट के बीच चलती हैं।
प्लेन: चैल के पास हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है, जो 117 किमी दूर है। आप चैलतक पहुँचने के लिए बस या टैक्सी किराए पर लेने का ऑप्शन चुन सकते है
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