भारत जिसके कण कण में आपको कला और संस्कृति का संगम देखने को मिलता है। यहां का कौना कौना बहुत खास है। गंगा-जमुना की तहजीब वाले इस देश में कई जगह है जहां आपको जरूर जाना चाइए, उन्हीं में से एक है, पुडुचेरी जिसे भारत का फ्रांस कहा जाता है। अगर आपको कम पैसे में फांस घूमना है तो पुडुचेरी जाए, जहां आपको प्राकृतिक से लेकर कृत्रिम तक का नजारा देखने को मिलेगापुडुचेरी जिसे भारत का फ्रांस कहा जाता है। अगर आपको कम पैसे में फांस घूमना है तो पुडुचेरी जाए
पुंडुचेरी का इतिहास
यह शहर 300 सालों तक फ्रांस के अधिकार में रहा था इसलिए आज भी यहाँ पर फ़्रेंच कॉलोनी, उनका रहन-सहन और संस्कृति, अच्छी तरह संजो कर रखी हुई है।पुडुचेरी का असली नाम पुटूचेरी है, जो की तमिल शब्द Putu और Ceri से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है नया गांव। पुडुचेरी का 1 नवंबर 1954 को भारत में विलय हुआ। तब तक ये फ्रांस के कब्जे में था। इसका गठन 1962 में 4 क्षेत्रों का मिलकार किया गया है। जिसमें कराईकल तमिलनाडु से घिरा हुआ है. यानम, आंध्र प्रदेश से घिरा हुआ है. माहे केरल से घिरा हुआ है. इस क्षेत्र की राजधानी पुडुचेरी सेक्टर में पुडुचेरी शहर है।2006 में पोंडीचेरी का नाम बदलकर पुडुचेरी कर दिया गया है।
बेस्ट टूरिस्ट प्लेस
पुडुचेरी में कई धर्मिक और प्राकृतिक स्थल घूमने लायक है।आइए आपको बताते है इन स्थलों के बारे में
अरबिंदो आश्रम
पांडिचेरी के व्हाइट टाउन में अरबिंदो आश्रम एक प्रसिद्ध स्थल है जिसका नाम श्री अरबिंदो घोष के नाम पर रखा गया है। बता दें कि यह आश्रम 24 नवंबर 1926 को बना था। मिर अल्फसा अरबिंदो के अनुयायियों में से एक था, जिसने इस आश्रम को बनाने में मदद की। यह आश्रम लोगों को मोक्ष और शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
प्रोमेनेड बीच
प्रोमेनेड बीच पुडुचेरी का फेमस ट्यूरिस्ट स्पॉट है। जो गौबर्ट एवेन्यू पर वॉर मेमोरियल से डुप्लेक्स पार्क तक 1.2 किमी तक फैला हुआ है। शाम के समय का नजारा यहां पर काफी रोमांचक होता है लोग यहां शाम के वक्त सैर करने, घूमने,स्केटिंग,और एक्साइज करने आते हैं। आप यहां भी स्विमिंग कर सकते है।
सेरेनिटी समुद्र तट
सेरेनिटी समुद्र तट कोट्टाकुप्पम में पुदुचेरी के बाहरी इलाके में 10 किलोमीटर की दूरी पर है।इस बीच को सादे कोट्टाकुपम बीच के रूप में जाना जाता है। यह बीच हनीमून या लवर स्पॉट के लिए जाना जाता है। कपल्स के लिए ये बीच स्वर्ग से कम नहीं है। यह शहर से काफी दूर है, इसलिए आप आसानी से यहां घूम सकते है।और आपको ज्यादा भीड़ भी नहीं मिलेगी।
ऑरोविले
ऑरोविले को एक ‘यूनिवर्सल टाउन’ भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर सभी संस्कृतियों और परंपराओं के दुनिया भर से लोग शांति से रहते हैं। ऑरोविले पांडिचेरी शहर से लगभग 15 किमी दूर तमिलनाडु में स्थित है जिसे 1968 में अरबिंदो की शिष्या मिर्रा अलफासा ने बनवाया था। यह एक ऐसी जगह है जहां पर लोग अपनी जाति, छुआछूत या सभी भेदभाओं को भूल जाते है। यहां लोग शिक्षा और आगे बड़ने पर ज्यादा ध्यान देते। यहां पर 195 से अधिक देशों के 2,800 से अधिक लोग इस टाउनशिप के ऑफिशियल लोकालाइट हैं।
राज निवास
राज निवास पांडिचेरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जिसे पहले पालिस डू सरकार के रूप में जाना जाता है। बता दें कि राज निवास अठारहवीं शताब्दी में बनी एक इमारत है जो वर्तमान में पांडिचेरी के उपराज्यपाल के निवास के रूप में जानी जाती है। वैसे तो यहां आम लोगों का जाना नहीं हो पाता है।
बॉटनिकल गार्डन
बॉटनिकल गार्डन पांडिचेरी का बेस्ट टूरिस्ट प्लेस है जिसे सी.एस. पेरोटेट ने 1862 में बनाया था। इस गार्डन में कई तरह प्लांट है, यहां कई प्रकार की मछलियां है। यहां पर आपको समुद्र में रहने वाले जीवों की जानकारियां मिलेंगी।
गोकिलमबल
गोकिलमबल थिरुक्मेश्वर मंदिर पांडिचेरी से 11 किमी की दूरी पर स्थित विलियनुर के छोटे से शहर में स्थित एक बहुत ही सुंदर मंदिर है।जो भगवान शिव को समर्पित है। दर्शक इस मंदिर पर फ्रांसीसी प्रभाव को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। मंदिर में आयोजित होने वाला एक कार महोत्सव में फ्रांसीसी रंग दिखता है। इस उत्सव में शहर की सड़कों पर भक्तों द्वारा 15 मीटर ऊंचा रथ खींचा जाता है।
मनाकुला विनयगर मंदिर
मनाकुला विनयगर मंदिर पांडिचेरी में स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान गणेश को समर्पित है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे लगभग 5 शताब्दी पहले स्थापित किया गया था। इस मंदिर में ब्रह्मोत्सवम के 18 वें दिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। विनायक चतुर्थी, श्री मनाकुला विनयगर मंदिर का एक प्रमुख त्योहार है जिसे यहां पर बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक फ्रांसीसी व्यक्ति ने मंदिर से गणेश की मूर्ति हटाने की कोशिश की थी लेकिन मूर्ति हट जाने के बाद फिर से वहां प्रकट हो जाती थी। मूर्ति की शक्ति से प्रेरित होकर भगवान के भक्त के रूप में बदल गया।
वरदराजा पेरुमल मंदिर
वरदराजा पेरुमल मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो 12 वीं शताब्दी का है, जिसका अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। वरदराजा पेरुमल एक ऐसा मंदिर है जिसकी संरचना हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
यानम बीच