Mayatit Vishnu Ji Aarti: जय श्री विष्णु! सभी भक्तों को प्रेमपूर्वक नमन। आइए, आज हम मायावी और सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु जी की आरती के इस शुभ अवसर पर उनकी महिमा का गान करें। भगवान विष्णु, जो संसार को संतुलन और स्थिरता प्रदान करते हैं, उनकी आरती से हमें जीवन में सद्भाव और समृद्धि की प्राप्ति हो। जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।मायातीत, महेश्वर मन-वच-बुद्धि परे॥ जय जगदीश हरे आदि, अनादि, अगोचर, अविचल, अविनाशी।अतुल, अनन्त, अनामय, अमित, शक्ति-राशि॥ जय जगदीश हरे अमल, अकल, अज, अक्षय, अव्यय, अविकारी।सत-चित-सुखमय, सुन्दर…
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