Shivji Aarti | श्री शिव जी की आरती

शिव जी की आरती

Shiv ji Aarti: भोलेनाथ के सभी भक्तों को हर हर महादेव! आज हम सब मिलकर भगवान शिव की आरती करेंगे, जो संहार के देवता, कल्याणकारी और करुणा के सागर हैं। त्रिलोकीनाथ शिव जी की आराधना हमें शांति, शक्ति और सद्बुद्धि प्रदान करती है। आइए, पूरे श्रद्धा भाव से महादेव का स्मरण करते हुए उनकी आरती आरंभ करें।

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं ।
सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि ॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा ।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे ।
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें ।
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी ।
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें
सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें
ॐ जय शिव ओंकारा……
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता ।
जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी ।
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें ।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…..
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा……

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