अंतरारष्ट्रीय महिला पहलवान बबीता फोगाट शादी के बंधन में बंध गईं। सादे समारोह में उन्होंने भारत केसरी पहलवान विवेक सुहाग के साथ साथ फेरे लिए।1 दिसंबर को बबिता के गांव बलाली में हुई इस शादी समारोह में परिवार के अलावा कई विदेशी पहलवान भी मौजूद रहे।
बबीता और विवेक की साधारण तरीके से हुई शादी ने कई मायनो में लोगो को प्रेरणा दी ।सक्षम होते हुए भी फिजूल खर्ची न हो इस लिए न बैंड बाजा आया और न ही डीजे बजा। घर की सजावट भी बिल्कुल साधारण नजर आई।
विवेक सुहाग और उनके परिवार वालो ने भी इस तरह की साधारण शादी का समर्थन करते हुए केवल 21 लोगों के साथ बारात ले कर बबिता को ब्याहने पहुंचे। बबिता और विवेक ने सात फेरों की बजाय आठ फेरे लेकर ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश दिया। शादी बिना दान-दहेज के और पुरे रीति-रिवाज तथा हिंदू रस्मों के साथ संपन्न हुई।
साथ ही पर्यावरण को बचने के उद्देश्य से शादी में प्लास्टिक का कहीं भी प्रयोग नहीं हुआ। शादी में लकड़ी के चम्मच और दोने ही प्रयोग किए गए। दोनों ने ही एक-एक पौधा लगाकर पर्यावरण को बचाने का भी आह्वान किया।
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शादी के बाद विवेक और बबिता ने 2 दिसंबर को दिल्ली में रिसेप्शन दिया जिसमे हजारों की तादाद में लोग वर- वधू को आशीर्वाद देने पहुंचे। इनमें न सिर्फ दिल्ली बल्कि हरियाणा के विभिन्न इलाकों से भी आए काफी लोग शामिल थे।
नजफगढ़ के पपरावट गांव स्थित प्रधान फार्म हाउस में आयोजित रिसेप्शन में वर- वधू को बधाई देने वालों में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, क्षेत्रीय सांसद प्रवेश वर्मा, हरियाणा के रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए । इसके अलावा कई स्थानीय नेता भी नव विवाहित दम्पति को आशीर्वाद देने पहुंचे थे ।वही शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर ने भी रिसेप्शन में पहुंचे कर नव विवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।
शादी के अगले ही दिन विवेक ने बबीता को एक नई शानदार कार गिफ्ट की।ऑरेंज कलर का सूट पहने बबीता फोगट ने कार के साथ खुद की तस्वीरें शेयर की और विवेक को इस विचारशील उपहार के लिए धन्यवाद दिया। बबीता ने कैप्शन में लिखा है “हमारी नई यात्रा शुरू करने के लिए इस नई कार से बेहतर क्या है”।
विवेक सुहाग झज्जर जिले के गांव मातनहेल के मूल निवासी हैं। विवेक अब दिल्ली के नजफगढ़ में रह रहे हैं। भारत केसरी खिताब जीत चुके पहलवान विवेक फिलहाल भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं।