वेटरन सिंगर लता मंगेशकर का रविवार 6 फरवरी की सुबह निधन हो गया था। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को जनवरी की शुरुआत से ही मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया था और वहां उन्होंने अंतिम सांस ली. वही 6 फरवरी की शाम मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था. लता जी ने इस दुनिया की अलविदा कह दिया लेकिन जाने से पहले वो अपने पीछे काफी कुछ छोड़ गयी है. लता जी ने अपने पीछे करोडो की संपत्ति छोड़ गयी. आइये आज हम जानते है लता जी का कुल नेटवर्थ कितने करोड़ रुपये का था और वो किन किन चीज़ो की शौकीन थी.
लता मंगेशकर की नेटवर्थ
लता मंगेशकर ने महज 13 साल की उम्र में अपने पिता के निधन के बाद अपना करियर शुरू किया था. उस समय उनकी पहली कमाई 25 रुपये थी. लता जी का लाइफस्टाइल काफी सिंपल था. सूत्रों के अनुसार लता मंगेशकर के पास करीब 370 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति थी. उनकी अधिकांश कमाई उनके गानों की रॉयल्टी से हुई थी. इसके अलावा लता जी ने अच्छा-खासा इंवेस्टमेंट भी किया हुआ था. लता जी साउथ मुंबई के पॉश इलाके में प्रभु कुंज नामक बंगले में रहती थी.
लता मंगेशकर को गाड़ियों का शौक
लता जी का लाइफस्टाइल काफी सिंपल था लेकिन उन्हें गाड़ियों का काफी शौक था. लता जी को अपने गैराज में बेहतरीन और स्टाइलिश कार रखने का शौक था इसलिए उनके पास कारों का शानदार कलेक्शन था. एक इंटरव्यू में लता जी ने बताया था कि उन्होंने सबसे पहले इंदौर से एक Chevrolet खरीदी थी. इसके बाद उनके गैराज में Buick कार आई. उनके पास Chrysler कार भी थी. इनके अलावा लता जी को यश चोपड़ा ने ‘वीर जारा’ के म्यूजिक रिलीज के समय पर गिफ्ट में मर्सिडीज कार दी थी.
लता मंगेशकर को डायमंड का शौक
लता मंगेशकर को बचपन से ही हीरो का बेहद शौक था. एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने बताया था कि उन्होंने फैसला किया कि वो केवल हीरे की अंगूठी पहना करेंगी. वही लता जी ने बताया था कि, मैंने पहली सैलरी से मां के लिए गोल्ड जूलरी खरीदी थी और अपने लिए हीरे की अंगूठी. ये रिंग स्पेशली डिजाइन की हुई रूबी और हीरे की अंगूठी थी, जिसमें ‘LM’ लिखा हुआ था. वही लता मंगेशकर अपने पैरों में ज्योतिषी के कहने पर सोने की पायल पहनती थी.
लता मंगेशकर को साड़ियों का शौक
लता मंगेशकर को गाड़ियों और डायमंड के सिवा साड़ियों का बेहद शौक था. लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें साड़ियों का इतना शौक था कि वो कहीं भी जाती हैं तो साड़ियों की दुकान में जरूर जाती हैं और साड़ियां खरीदती थी. लता मंगेशकर का बनारस से खास रिश्ता था हालाँकि वो बनारस सिर्फ एक ही बार जा पायी थी. लता जी को बनारसी साड़ियां बहुत पसंद थीं, वह यहां के साड़ी निर्माता व व्यवसायी सगे भाइयों अरमान व रिजवान के यहां की बनी साड़ियां ही पहनती थीं. वही लता जी को सिर्फ सफेद रंग की साड़ियां पसंद थी. लता जी का कहना था कि साड़ी जितनी सफेद होती है, मेरा मन उतना ही प्रसन्न हो जाता है. वही लता जी ने कहा था कि, ‘रंग मुझे अच्छे लगते हैं और वे सब साड़ियों में खूब फबते भी हैं, लेकिन दूसरों पर…। खुद मुझे रंगीन कपड़े पहनना अटपटा सा लगता है।