क्यों खास है जोशीमठ और क्यों आई यहां पर आपदा

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जोशीमठ इन दिनों काफी चर्चा में है,और इसकी वजह है जोशीमठ में आई भयंकर दरार। प्रशासन की तरफ से इस आपदा से निपटने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। आपदा प्रभावित इलाकों में मौजूद जर्जर मकान और होटल तोड़े जा रहे है,जिनसे भारी जान माल का नुकसान होने की शंका है। आइए जानते है जोशी मठ के महत्व के बारे में और जोशी मठ में आई आपदा के बारे में

जोशी मठ क्यों है खास

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जोशी मठ

उतराखंड जिसका कौना-कौना प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है। आप यदि उत्तराखंड जाते है तो इसके हर एक खंड में आपको कई अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे।सिर्फ उत्तराखंड प्राकृतिक रूप से ही खास नहीं है बल्कि ये धार्मिक रूप से भी खास है। यहां आपको बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे कई धार्मिक स्थल मिल जायेंगे। और इन सब में खास है, चमोली जिले में स्थित जोशीमठ
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हिमालय

हिमालय के नीचे और मैदानी इलाके हमेशा से ही आध्यात्म के गढ़ के तौर पर जाने जाते रहे हैं।धार्मिक किताबों में जोशीमठ को ‘ज्योतिर्मठ’ के नाम से भी जाना जाता है।आदिशंकराचार्य ने देश में जिन चार मठों की स्थापना की थी।जोशी मठ उसमें से एक है।जोशीमठ 7वीं से 11वीं सदी तक कत्यूरी वंश के आधीन रहा है।उस वंश के लोगों ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। यहां पर भगवान विष्णु का मंदिर है।लोगों का कहना है, जब सर्दियों में बद्रीनाथ में कपाट बंद हो जाते हैं तो उस दौरान भगवान बद्री की प्रतिष्ठा पूजा इसी मंदिर में की जाती है।इसके अलावा नरसिंह, नवदुर्गा और वासुदेव मंदिर भी है। भगवान नरसिंह के मंदिर में 1200 साल पुराने कल्पवृक्ष के होने की बात भी कही जाती है।हर साल यहां भक्तों का तांता लगा रहता है और लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
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बद्रीनाथ

आपदा कैसे आई है।

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आपदा कैसे आई है।

जोशीमठ में जमीन धस गई है, घरों की दरो-दीवारों में दरारें पड़ गई हैं।लगातार हो रहे भूस्खलन से शहर के 700 से ज्यादा घरों, होटलों और दुकानों में भारी दरारें आ गई हैं, इसी वजह से वहां के लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है।उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की श्रेणियां हैं, वो बहुत ही यंग माउंटेन कहलाती हैं। उनकी जो मौलिक संरचना है उसके आधार पर यह बहुत कमजोर पहाड़ियां हैं। यहीं वजह है कि यहां पर हर साल भूस्खलन की बहुत सारी घटनाएं होती हैं।