श्री हरि विष्णु जी की आरती | Hari Vishnu Aarti

hari vishnu Aarti

आज हम सब भगवान हरि, श्री विष्णु जी की पवित्र आरती के लिए एकत्र हुए हैं। भगवान विष्णु, जो सृष्टि के पालनहार हैं, उनके चरणों में नमन करते हुए, हम उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। आइए, भक्ति और श्रद्धा के साथ उनके गुणगान करें और आरती का आनंद लें।

ॐ जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, छन में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावै फल पावै, दु:ख बिनसै मनका।
सुख सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटै तनका॥ ॐ जय जगदीश हरे

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मुरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमती॥ ॐ जय जगदीश हरे

दीनबन्धु, दु:खहर्ता तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पडा तेरे॥ ॐ जय जगदीश हरे

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय जगदीश हरे

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