Shiv temple: हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा पाठ की जाती है। लेकिन सभी देवी देवताओं का मुख्य केंद्र महादेव हैं। देवों के देव महादेव ही समस्त सृष्टि के पालनहार है। भगवान शिव ही आदि व अनंत है। जिनके प्रारंभ और अंत के विषय में कभी कोई नहीं जान सकता है। भारतवर्ष में महादेव के कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनका इतिहास सहस्त्र वर्षों पुराना है।
महादेव के अनेकों मंदिरों में पांच ऐसे मंदिर हैं जिन्हें चमत्कारी मंदिरों की श्रेणी में रखा जाता है। महादेव के इन पांच मंदिरों का रहस्य वैज्ञानिक समझ से भी परे है। बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी इन महादेव के चमत्कारी मंदिरों में स्थापित शिवलिंग के रहस्यों को देखकर हैरान हो जाते हैं।
आज हम अपनी आर्टिकल के जरिए आपको भगवान शिव के उन्ही पांच रहस्यमई मंदिरों के विषय में बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं, भारत के इन पांच चमत्कारी शिव मंदिर के विषय में..
आपने महादेव के कई चमत्कारी रहस्यों के विषय में सुना होगा। लेकिन एक अद्भुत रहस्य की बात करें तो शिव के चमत्कारी मंदिरों में पहला नाम बिजली महादेव मंदिर का आता है। दरअसल यह एक ऐसा मंदिर है जहां साल में एक बार बिजली अवश्य गिरती है।
इस बिजली की गिरने पर मंदिर में स्थापित शिवलिंग टुकड़ों में बंट जाता है। जिसकी बाद मंदिर की समस्त पुजारी शिवलिंग को मक्खन में लपेटकर कुछ समय के लिए रख देते हैं। भगवान शिव के चमत्कार के फलस्वरुप टुकड़ों में बंटा वह शिवलिंग दोबारा अपने आकार में स्थापित हो जाता है।
आज तक कोई भी वैज्ञानिक इस रहस्य को नहीं समझ पाया है। आखिर किस प्रकार यह शिवलिंग अपने यथासंभव रूप में बिना किसी प्रयास के स्थापित हो जाता है। वास्तव में इस मंदिर के चमत्कारी रहस्य को सुनकर शिव के अनंत रूप का आभास हो जाता है।
भगवान शिव का दूसरा चमत्कारी मंदिर अचलेश्वर मंदिर है। यह एक ऐसा मंदिर है जो रोज चमत्कार दिखाया करता है। दरअसल इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का रंग दिन में तीन बार बदलता है। यदि आप सुबह के समय शिवलिंग को देखेंगे तो उसका रंग लाल होता है, दोपहर के समय शिवलिंग का रंग केसरिया हो जाता है तथा शाम के समय शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है। यह शिव मंदिर राजस्थान के धौलपुर में स्थापित है। इस मंदिर का कोई छोर नहीं है, जिसके चलते इस चमत्कारी शिव मंदिर के रहस्य को कोई नहीं समझ पाया है।
भगवान शिव के इन चमत्कारों में से एक भोजेश्वर महादेव मंदिर भी है। माना जाता है कि यह मंदिर दुनिया का सबसे पुराना मंदिर है। इस शिव मंदिर को परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज द्वारा बनवाया गया था। एक प्राचीन मान्यता के अनुसार इस शिव मंदिर में साधु की एक बड़ी टोली ने कई समय तक गहन तपस्या भी की थी। यह विशाल पहाड़ी वाला अधूरा शिव मंदिर है जो कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 32 किलोमीटर दूर भोजपुर में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता है कि इस मंदिर का शिवलिंग विश्व के एक ही पत्थर से लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।
महादेव के चमत्कारी मंदिरों में गुजरात के वडोदरा में स्थित स्तंभेश्वर महादेव मंदिर भी हैं। जो कि समुद्र में स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने अपने तपोबल से किया था। दरअसल यह एक ऐसा मंदिर है जो कि दिन में दो बार गायब हो जाता है। यह एक प्राकृतिक घटना का परिणाम है। समुद्र में स्थित होने के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ने से यह मंदिर पूरी तरह समुद्र में डूब जाता है और दिखना बंद हो जाता है। इस प्रकार हर रोज सुबह और शाम के समय यह घटना घटित होती है। श्रद्धालुओं द्वारा दूर से ही इस नजारे का आनंद लिया जाता है।
छत्तीसगढ़ राज्य के खरौद शहर में स्थित लक्ष्मणेश्वर मंदिर रहस्य वाला मंदिर है। इस मंदिर के रहस्य के विषय में बताया जाता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग में एक लाख छिद्र हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर के गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग की स्थापना भगवान राम के भाई लक्ष्मण जी द्वारा की गई थी। यही कारण है कि इस मंदिर का नाम लक्ष्मणेश्वर मंदिर रखा गया।
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