बॉलीवुड में कई ऐसे स्टार हैं जिन्होंने कई सालों से पर्दे पर अपना जलवा बिखेरा है. बॉलीवुड में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर कई सारे सितारों ने शुरु किया था. आइये आज हम 90s के चाइल्ड आर्टिस्ट के बारे में जानते है जिन्होंने बचपन में अपने अभिनय से दर्शको के दिल में जगह बनाई।
कहो न प्यार है फिल्म में नजर आए चाइल्ड स्टार जिन्होंने ऋतिक के छोटे भाई का किरदार निभाया था उनका नाम अभिषेक शर्मा है. इस फिल्म के बाद कुछ सालो पहले अभिषेक में टीवी शोज़ में काम किया था. अभिषेक बेस्ट ऑफ लक निक्की, सुरवीन गुग्गल और निमकी मुखिया जैसे शोज में नजर आ चुके हैं.
1995 में आई आमिर की फिल्म ‘अकेले हम अकेले तुम’ में आमिर के बेटे बने सोनू का किरदार आदिल रिजवी ने बखूबी निभाया था. आदिल रिजवी अब काफी बड़े हो गए हैं. इस फिल्म में उन्हें एक खास पहचान मिली थी. आदिल ने दो फिल्मों में काम करने के बाद फिल्मों से दूरी बना ली थी.
बॉलीवुड सिंगर उदित नारायण के बेटे आदित्य नारायण ने भोत छोटी उम्र से बॉलीवुड की फिल्मो में अभिनय किया है. आदित्य को चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर रंगीला और परदेस जैसी फिल्मों में देखा गया है. आदित्य की सबसे ज्यादा चर्चा 1998 में आई सलमान खान और ट्विंकल खन्ना स्टारर जब प्यार किसी से होता है के लिए की गई थी. इस फिल्म में आदित्य सलमान खान के बेटे के किरदार में नजर आए थे. अब आदित्य नारायण बड़े हो चुके है और टेलीविजन होस्ट, एंकर, सिंगर के रूप में पहचने जाते है.
आदित्य कपाड़िया को चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में साल 1999 में फिल्म जानवर में देखा गया था. इसके बाद आदित्य ने अपने टीवी करियर की शुरआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर टीवी शो जस्ट मोहब्बत से की थी. इसके बाद वह शाका लाका बूम बूम, एक दूसरे से करते हैं हम प्यार हैं, सोनपरी, बड़े अच्छे लगते हैं जैसे शोज में नज़र आए.
बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो के तौर पर जान जानें वाले आफताब ने बतौर चाइल्ड अपने कॅरियर की शुरूआत की थी, उनकी फिल्में ‘मिस्टर इंडिया’ , ‘शहंशाह’, ‘चालबाज’ बेहद मशहूर रही थी. आफताब बड़े होने के बाद भी ‘कसूर’ ‘हंगामा’ ‘शादी से पहले’ जैसी कई फिल्मो में नज़र आये.
मल्टीस्टारर फिल्म कल हो ना हो में लड़के का किरदार निभाने वाली अहसास चन्ना असल में लड़की है. अहसास को इस दिनों टेलीविजन शो में देखा जा चूका है. अहसास ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में वास्तु शास्त्र, माय फ्रेंड गणेश, फूंक, फूंक 2 जैसी कई फिल्मों में काम किया है. वही अहसास क्राइम पेट्रोल, सीआईडी, कोटा फैक्टरी, होस्टल डेज जैसे कई शोज में लीड भूमिका में नज़र आई है.
अजय नागरथ को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ‘परदेस’, ‘ये है जलवा’, ‘एक और एक ग्यारह’ और ‘मिलेंगे मिलेंगे’ जैसी फिल्मो में देखा गया था. अजय को टीवी शो ‘श्रीमान श्रीमती’ में चिंटू के किरदार में देखा गया था. अजय अब बड़े हो चुके है बड़े होने के बाद भी अजय ने अपनी एक्टिंग करियर को जारी रखा उन्हें फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ फिल्म में देखा गया था.
मास्टर अलंकार ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में यश चोपड़ा की फिल्म ‘दीवार’ में अमिताभ बच्चन के बचपन का रोल किया था. अमिताभ की ‘दीवार’ के बाद मास्टर अलंकार सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट बन गए थे, उन्होंने ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘धड़कन’ और ‘ड्रीमगर्ल’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। कुछ समय बाद अलंकार ने फिल्मो की दुनिया को अलविदा कह दिया आज वो बड़े हो चुके है. आज अलंकार जोशी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की दुनिया पर राज कर रहे हैं। उनका अपना आईटी का बिजनेस है जो दुनियाभर में फैला हुआ है।
चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अपनी मासुमियत से दर्शको के दिल में जगह बनाने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट अली हाजी को फिल्म ‘फना’ में आमिर और काजोल का बेटा बना छोटा रेहान के किरदार में देखा गया था. अली हाजी अब बड़े हो गए हैं और काफी हैंडसम भी. अली ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर कई फिल्मों में काम किया है। उन्होंने स्क्रीन पर फिल्म पार्टनर में सलमान खान के बेटे का भी किरदार निभाया है. यही नहीं बल्कि वो सैफ अली खान और रानी मुखर्जी के बेटे का किरदार भी ‘ता रा रम पम’ फिल्म में निभा चुके हैं. अली बड़े होने के बाद भी फिल्मों में नज़र एते है. आखिरी बार अली ऋतिक रोशन के साथ फिल्म ‘सुपर 30’ में नजर आए थे. इससे पहले उन्होंने कुणाल कपूर अभिनीत फिल्म ‘द नोबलमैन’ में भी काम किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है.
साल 2008 में आयी फिल्म भूतनाथ में बंकू का किरदार निभाने वाला चाइल्ड आर्टिस्ट अमन सिद्दीकी था. फिल्म में छोटे बच्चे का किरदार निभाने वाले अमन सिद्दीकी अब बड़े हो चुके है और बॉलीवुड की दुनिया से फिलहाल दूर रहते हैं. अमन ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट भूतनाथ के अलावा फिल्म शिवालिक में भी काम किया है. अमन सिद्दीकी ने बॉलीवुड के अलावा गुजराती और मराठी फिल्मों में भी काम किया है.
शाहिद कपूर और अमृता राव स्टारर फिल्म विवाह में अमृता की छोटी बहन छुटकी का किरदार निभाने वाली चाइल्ड आर्टिस्ट अमृता प्रकाश थी, जिसे ऑडियंस का खूब प्यार मिला था. अमृता ने 4 साल की उम्र में पहला ऐड किया था. बाद में उन्होंने ‘डाबर’, ‘ग्लूकॉन-डी’, ‘रसना’, ‘सनसिल्क’ जैसे कई ऐड्स में काम किया। अमृता ने साल 2001 में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू फिल्म ‘तुम-बिन’ की थी. लेकिन अमृता को विवाह फिल्म से खूब लाइमलाइट थी. हालांकि अमृता अब बड़ी हो चुकी है और एक्टिंग करियर से फ़िलहाल दूर है.
साल 2007 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘ता रा रम पम’ में गर्ल चाइल्ड आर्टिस्ट की भूमिका में नज़र आने वाली एंजेलिना इदनानी थी. अब वो बड़ी हो चुकी है और काफी खूबसूरत भी.
अरुणा ईरानी अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेसेस में से हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. अरुणा ईरान ने दिलीप कुमार की फिल्म ‘गंगा जमना’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. वही चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अरुणा ने फिल्म अनपढ़ में यंग माला सिन्हा का किरदार निभाया था. बड़ी होने के बाद भी अरुणा ने अपना एक्टिंग करियर जारी रखा और अपने करियर में करीब 500 फिल्मे की. इतना ही नहीं उन्हें कई तक शो में भी देखा गया है. अरुणा ने न केवल हिंदी बल्कि कन्नड़, मराठी और गुजराती फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया।
फिल्म कल हो ना हो में प्रीति जिंटा के छोटे भाई का किरदार निभा चुके अथित अब तक 7 फीचर फिल्म, 176 टीवी कमर्शियल और कई टीवी शोज में नजर आ चुके हैं. अभी अथित इंडिया में डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी कर रहे हैं.
2005 में रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म ब्लैक में आएशा ने स्पेशल चाइल्ड रानी मुखर्जी के बचपन की काफी अच्छी भूमिका निभाई थी. अभी आएशा साल 2020 की शेखर कपूर डायरेक्टेड फिल्म पानी का हिस्सा हैं.
याराना’, ‘चुपके चुपके’ और ‘दो और दो पांच’ जैसी कई फिल्मों में नज़र आया यह चाइल्ड आर्टिस्ट मास्टर बिट्टू के नाम से जाना जाता था और आज इसकी पहचान विशाल देसाई के नाम से है. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट बिट्टू ने मशहूर अभिनेता के बचपन का किरदार पर्दे पर बखूबी निभाया है. बचपन से ही पर्दे को बेहद करीब से देख रहे विशाल देसाई ने भले ही बचपन में अभिनय में रूची दिखाई, लेकिन वक्त के साथ बड़े होने के बाद उनका ध्यान अपनी एक्टिंंग से हटकर निर्देशन की तरफ चला गया और उन्होंने फिल्म मेकिंग में अपना करियर बना लिया.
बंटी नेगी ने फिल्म इंडस्ट्री में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम किया है. उन्होंने फिल्म फरिश्ते से इंडस्ट्री में कदम रखा था. बंटी को फिल्म बेटा में देखा गया है.
60 और 70 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस नजीमा ने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। नाजिमा ने कई फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ‘बेबी चांद’ नाम से काम किया था. बड़े होने के बाद भी नजीमा ने फिल्मों में ही अपना करियर बनाया. नजीमा ने अपने करियर में ‘जिद्दी’, ‘आरजू’, ‘अप्रैल फूल’, ‘आये दिन बहार के’, ‘औरत’ और ‘वही लड़की’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया है। फिल्म ‘आरजू’ के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला था। वही नजीमा ने ज्यादातर फिल्मों में हीरो की बहन का किरदार निभाया है और इस वजह से उनके नाम सबसे ज्यादा रेप सीन करने का रिकॉर्ड है.
बॉलीवुड और छोटे पर्दे पर अपने किरदार से दर्शकों के दिलों पर राज करने वालीं अभिनेत्री डेजी ईरानी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत वर्ष 1950 में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी. डेज़ी ने फिल्म पापी में यंग ज़ीनत अमान का किरदार निभाया था. चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर डेज़ी को अक्सर लड़के के किरदार में भी देखा गया है. उन्होंने करीब 50 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है.
आमिर खान की हिट फिल्म तारे ज़मीन पर ईशान का किरदार निभाने वाले दर्शील सफारी थे. इस फिल्म ने बच्चो को लेकर चिंतित रहने वाले माता पिता के लिए एक नयी सोच प्रस्तुत की थी.इस फिल्म के लिए दर्शील को बेस्ट एक्टर के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक अवॉर्ड मिला था. ‘ तारें जमीन पर’ के बाद दर्शील फिल्म आई ‘बम बम बोले’, ‘ज़ोक्कोमोन’ और ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ में नजर आए। इसके अलावा डांस के शौकीन दर्शील झलक दिखला जा के पांचवे सीजन में भी दिखाई दिए थे.
एक्ट्रेस हंसिका मोटवानी ने छोटे पर्दे पर अपनी शुरुआत साल 2001 में आए शो ‘देस में निकला होगा चांद’ से की थी। हंसिका ‘शाका लाका बूम बूम’ और क्योंकि सास भी कभी बहू थी में भी नजर आई थी। हंसिका 16 साल की उम्र में पहली तेलगु फिल्म की थी और कई बॉलीवुड फिल्मो में भी नजर आई ।
करण जौहर की फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम में शाह रुख खान और काजोल के बेटे की भूमिका निभाने वाला लड़का जिब्रान खान थे. जिब्रान अब बड़े हो चुके है वही ये बॉलीवुड से भी दूर है. इस फिल्म में राष्ट्रगान गा कर उस समय जिब्रान खूब फेमस हुए थे. 7 साल की उम्र में जिब्रान ने कभी खुशी कभी ग़ममें अपनी एक्टिंग से सबका दिल दिल जित लिया था अब ये 22 साल के हो चुके है और बॉलीवुड में एंट्री करने के लिए जोरदार मेहनत कर रहे है. वही जिब्रान खान को उनके बर्थडे पर करीना कपूर खान ने विश भी किया था. वही आपको बतादें कि जिब्रान खान के पापा फिरोज खान ने बी आर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में अर्जुन का किरदार निभाया था। और जिब्रान ने ऐक्टंग डेब्यू 7 साल की उम्र में डेविड धवन की फिल्म ‘क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता’ से की थी.
कभी खुशी कभी गम’ में छोटे ऋतिक का रोले प्ले करने वाला लड्डू आप सबको याद तो होगा ही, उनका असली नाम कवीश है जिसने एक कॉन्फिडेंटल रोल प्ले करके बाल कलाकारों के बीच अपनी जगह बनायीं थी. इसके बाद उन्होंने 2009 में आई सोहम शाह डायरेक्टेड संजय दत्त, इमरान खान और श्रुति हासन स्टारर फिल्म ‘लक’ में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया था. इसके बाद वो पुनीत मल्होत्रा की फिल्म ‘गोरी तेरे प्यार में’, वरुण धवन की फिल्म ‘मैं तेरा हीरो’ और रितेश देशमुख के साथ फिल्म ‘बैंकचोर’ में बतौर एक्टर काम कर चुके हैं.
कुणाल खेमू ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने 1990 में ‘गुल गुलशन गुलफाम’ में पहली बार नजर आए थे, जो दूरदर्शन पर दिखाया जाता था. उसके बाद उन्होंने सुपरहिट फिल्म राजा हिंदुस्तानी, जख्म, भाई और हम हैं राही प्यार के जैसी फिल्मों में नजर आए. हालांकि, बतौर हीरो उनकी फिल्में कुछ खास नहीं कर पाई. फिल्म कलयुग से उनका डेब्यू फ्लॉप रहा और उसके बाद उन्होंने ट्रैफिक सिगन्ल और ढोल जैसी फिल्मों मे किया.
करण जौहर के निर्देशन में बनी कभी खुशी कभी गम फिल्म में जूनियर करीना का रॉल प्ले करने वाली बाल कलाकार का नाम मालविका है, जो फिल्म-मेकर बॉबी राज की बेटी हैं. इस फिल्म के 10 साल बाद 2010 इन्होंने फेमिना मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था. उसके अलावा वो नेशनल लेवल की फुटबॉलर भी रह चुकी हैं. मालविका ने लेकिन सिनेमामें आगे बढ़ने को चुना और आज उसी फील्ड में अपना करियर आगे बढ़ा रही हैं. वो कई टीवी ऐड में नज़र आ चुकी हैं. 2017 में आई तेलुगू फिल्म ‘जयदेव’ से मालविका बतौर हीरोइन अपना डेब्यू कर चुकी हैं. हिंदी फिल्मों की बात करे, तो वो इमरान हाशमी के साथ उनकी आने वाली फिल्म ‘कैप्टन नवाब’ में नज़र आने वाली हैं.
करण जौहर की पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ से अपना डेब्यू करने वाले छोटे सरदार काफी फेमस रहे. धारा के ऐड से फेमस होने वाले इस बच्चे को करण ने अपनी दूसरी फिल्म में भी मौका दिया। अपनी क्यूट सी एक्टिंग से इन्होने सभी का दिल जित लिया था. परजान ने 2005 में आई फिल्म ‘परज़ानियां’ में काम किया और आखिरी बार 2009 में आई फिल्म ‘सिकंदर’ में नज़र आए थे. बड़े होने के बाद वो ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’, ‘गोरी तेरे प्यार में’ और ‘फितूर’ जैसी फिल्मों से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर जुड़े रह चुके हैं.
2000 में आई अजय देवगन और काजोल की फिल्म ‘राजू चाचा’ में सिद्धांत राय (ऋषि कपूर) की छोटी बेटी रानी का किरदार चाइल्ड आर्टिस्ट साक्षी सेम ने निभाया था. इस फिल्म में अजय देवगन की भतीजी बनीं साक्षी के किरदार को काफी पसंद किया गया था. इस फिल्म के बाद साक्षी कुछ टीवी शो और फिल्म ‘रहस्य’ में नजर आई थीं. वैसे, साक्षी अब बॉलीवुड से दूर रहना पसंद करती हैं.
बॉलीवुड की सुपर हिट फिल्मों दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में काजोल की छोटी बहन चुटकी का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस पूजा अब 40 साल की हो चुकी हैं. पूजा इससे पहले किंग अंकल फिल्म में भी नजर आई हैं. कई फिल्मों में काम कर चुकीं पूजा अब फिल्मो से दूर एक स्टेंडअप कॉमेडियन और सिंगर बन चुकी हैं.
बचपन में आप सभी ने किड शो करिश्मा का करिश्मा तो देखा ही होगा इस सीरियल में रोबोट बनी करिश्मा का असली नाम झनक शुक्ल है. इस शो के बाद झनक को कल हो ना हो मूवी में जिया के रोल में देखा गया था. वही इस बच्ची की प्यारी सी स्माइल ने करोडों लोगो को अपना दीवाना बना दिया था. झनक को कई टीवी शो में देखा जा चूका है. झनक ने एक्टिंग की दुनिया अब छोड़ दी झनक एक सोशल एक्टिविस्ट बनने का सपना रखती है. इस काम में उनका परिवार भी उनके साथ है.
कुछ कुछ होता है फिल्म में छोटी अंजलि का किरदार निभाने वाली सना ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ‘कुछ कुछ होता है’, ‘हर दिल जो प्यार करेगा’,’बादल’ जैसी फिल्मों में काम किया है. लेकिन सना बड़े पर्दे पर कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर पाई जब वो बतौर एक्ट्रेस पर्दे पर आई. उन्होंने स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ में काम किया है.
बेबी गज़ाला, एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं, जिन्होंने ‘अंजाम’ जैसी कई लोकप्रिय फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अभिनय किया है. गजाला ने 20 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया था, जिनमें से कुछ हिट फिल्में, ‘इमिथान’, ‘अंजाम’ और ‘वन टू का फोर’ शामिल हैं. 90 के दशक में सबसे लोकप्रिय बाल कलाकार में से एक बेबी गज़ाला थी. गजाला ने 19 साल की उम्र तक में अपने 15 साल फिल्म इंडस्ट्री में पुरे किये थे.
बेबी गुड्डू का असली नाम शाहिंदा बेग है और वो फिल्म मेकर एम एम बेग की बेटी हैं. तीन साल की उम्र में उन्होंने फ़िल्मों में कदम रखा था और उसके बाद वो हर दूसरी फ़िल्म में नज़र आने लगीं. उनकी पहली फ़िल्म थी पाप और पुण्य. उन्होंने तीस से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया और कई फ़िल्मों में तो उन्होंने लड़के की भूमिका भी निभाई. गुड्डू ने 11-12 वर्ष की उम्र के बाद बेबी गुड्डू ने बॉलीवुड से अचानक नाता तोड़ लिया क्योंकि उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना था. बेबी गुड्डू की पहली फ़िल्म 1984 में आई थी और आख़री फ़िल्म थी घर परिवार जो 1991 में आई थी.
हर्ष लूनिया ने साल 1996 में एक टीवी शो जस्ट मोहब्बत से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट इंडस्ट्री में कदम रखा था. यह शो काफी हिट रहा था और इस शो से हर्ष को काफी पॉपुलैरिटी मिली. जस्ट मोहब्बत के बाद, हर्ष को बॉबी देओल, मनीषा कोइराला और काजोल जैसे महान सितारों के साथ गुप्त: द हिडन ट्रुथ में देखा गया. हर्ष की आखिरी फिल्म साल 2000 में राजू चाचा थी.
इरफ़ान खान ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में साल 2011 में फिल्म ‘चिल्लर पार्टी’ से इंडस्ट्री में कदम रखा. इरफ़ान को उनकी पहली फिल्म में ही सर्वश्रेष्ठचाइल्ड आर्टिस्ट का पुरस्कार दिया गया था. इसके बाद, साल 2017 में इरफान ने निर्माता अनुराग कश्यप और गुनीत मोंगा की फिल्म ‘हरमखोर’ में अभिनय किया.
जगदीप ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट ‘मास्टर मुन्ना’ के रूप में बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘अफसाना’ से की थी। इसके बाद चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में ही उन्होंने ‘लैला मजनूं’ में काम किया। जगदीप ने कॉमिक रोल बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ से करने शुरू किए थे। उन्होंने करीब 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। 2012 में वे आखिरी बार ‘गली गली चोर’ फिल्म में पुलिस कांस्टेबल की भूमिका में नजर आए थे. वही साल 2020 में जगदीप ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
बॉलीवुड के बेमिसाल कॉमेडी अभिनेता महमूद साहब ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर कई साल तक फिल्मो में काम किया मेहमूद ने ‘प्यासा’, ‘सीआईडी’ और ‘दो बीघा जमीन’ जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए. महमूद साहब ने 1965 में ‘भूत बंगला’ के साथ निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा और 1974 में फिल्म ‘कुंवारा बाप’ का भी निर्देशन किया। इसके अलावा महमूद कई फिल्मों में बतौर पार्श्वगायक भी काम करते रहे.
बॉलीवुड एक और बेहद स्मार्ट और चॉकलेटी हीरो के तौर पर मशहूर हुए जुगल ने भी करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ही की थी. जुगल को पहली बार ‘मासूम’ , ‘कर्मा’ ‘सल्तनत’ जैसी फिल्मों में देखा गया था. उसके बाद बतौर हीरो वो, आ गले लग जा, पापा कहते हैं, मोहब्बतें जैसी फिल्मों में दिखे लेकिन उनका जादू नहीं चला.
बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी ने फिल्म लेदरफेस में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत की थी. मीना ने एक ही रास्ता , आरती , बहू बेग़म, साहब बीबी और गुलाम जैसी अनगिनत फिल्मों में काम किया। मीना महज 39 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था।31 मार्च, 1972 को उनका निधन हो गया था।
तबस्सुम ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट संजोग फिल्म से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा था. तबस्सुम कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं साथ ही वो मशहूर होस्ट रह चुकी है। बॉलीवुड के पहले सेलिब्रिटी टॉक शो दूरदर्शन पर प्रसारित ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ को तबस्सुम होस्ट करती थीं।
बेबी नाज ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कदम रखा था। माता-पिता ने नाज का नाम सलमा बेग रखा था. सलमा ने महज 8 साल की उम्र में फिल्म रेशम में एक्ट्रेस सुरैया के बचपन का रोल किया था. नाज़ ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में कई फिल्मो में काम किया था.
नमन जैन ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 2011 में फिल्म ‘चिल्लर पार्टी’ से इंडस्ट्री में कदम रखा था. नमन बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ‘चिल्लर पार्टी’ के अलावा ‘रांझणा’ और ‘बॉम्बे टॉकीज’ में भी नजर आ चुके हैं. नमन, नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुके हैं. आखरी बार नमन साल 2018 में स्वामी रामदेव एक संघर्ष फिल्म में नज़र आये थे.
ओमकार कपूर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 1996 में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म मासूम से की थी। इस फिल्म में उन्होंने किशन की भूमिका अदा की थी। इसके बाद वह मेला, रजा हिन्दुस्तानी जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं. ओमकार बड़े हो कर प्यार का पंचनामा 2 में बतौर मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
10 साल की उम्र में पद्मिनी ने फिल्म ‘इश्क इश्क इश्क’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट एक्टिंग करियर शुरू किया था। इसके बाद ‘सत्यम शिवम सुन्दरम’, ‘साजन बिना ससुराल’ ,’थोड़ी सी बेवफाई’ जैसी फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। 1980 में आई फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ में अपनी एक्टिंग के लिए उन्हें पहली बार फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था. 15 साल की उम्र में उन्होंने लीड एक्ट्रेस के रूप में फिल्म ‘जमाने को दिखाना है’ में काम किया। इसके अलावा उन्होंने ‘प्रेमरोग’, ‘विधाता’, ‘प्यार झुकता नहीं’, ‘सौतन’, ‘वो सात दिन’, ‘स्वर्ग से सुंदर’, ‘प्यार के काबिल’, ‘दाता’, ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ जैसी फिल्मों में काम किया.
पार्थ दवे ने महज ढाई साल की छोटी सी उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। उस समय, उन्होंने विभिन्न विज्ञापनों में अभिनय किया था जिसके बाद पार्थ ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और कई फिल्मो में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अभिनय किया। पार्थ ने अपने करियर में 100 से भी ज्यादा एड्स की है. दवे ने बाल कलाकार के तौर पर ‘ब्लैकमेल’, ‘चुरा लिया है तुमने’, ‘कुछ ना कहो’, ‘मैंने प्यार क्यों किया,’ ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘किडनैप’ आदि फिल्मों में काम किया है. वह तेलुगु फिल्म ‘नानी’ का भी हिस्सा रह चुके है.
फिल्म मिस्टर इंडिया में क्यूट सी बच्ची टीना का किरदार होजान खोदाईजी ने निभाया था. मिस्टर इंडिया के सिवा होजान को फिल्म इंसानियत में देखा गया था. हालांकि इन फिल्मो के बाद उन्होंने बॉलीवुड से दूरी बना ली.
मास्टर राजू 70 के दशक में मशहूर चाइल्ड आर्टिस्ट हुआ करते थे, उस दौर की कई फिल्मों मास्टर राजू ने काम किया है. 1972 में आई फिल्म परिचय में राजू को संजीव कुमार, जितेंद्र, जया बच्चन,और प्राण जैसे बड़े सितारों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला। वही मास्टर राजू को उनकी पहली ही फिल्म से बहुत पसंद किया गया. इसके बाद राजू ‘बावर्ची’, ‘अभिमान’, ‘दाग’, ‘अंखियों के झरोखों से’ ‘चितचोर’ और ‘किताब’ जैसी फिल्मों में भी नजर आए. राजू श्रेष्ठा 100 से ज्यादा फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम कर चुके हैं और 1976 में आई फिल्म ‘चितचोर’ के लिए राजू बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवॉर्ड भी जीत चुके हैं. 90 के दशक में राजू श्रेष्ठ ने कई फिल्मों में काम किया। अफसाना प्यार का, शतरंज, खुद्दार, साजन चले ससुराल समेत कई फिल्मों में वो दिखें लेकिन धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने टीवी जगत में अपने कदम रखे और उनका पहला सीरियल 1987 में आया था जिसका नाम था ‘चुनौती’। ये सीरियल काफी मशहूर हुआ था इसके सिवा भी राजू को कई टीवी शो में देखा जा चूका है.
मास्टर रवि ने 1976 में फिल्म ‘फकीरा’ से अपना डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें पहचान मिली 1977 में आई फिल्म ‘अमर अकबर एंथोनी’ से। इस फिल्म ने मास्टर रवि को रातोंरात चमका दिया था। इस फिल्म के बाद मास्टर रवि ने ‘देश प्रेमी’, ‘शक्ति’ और ‘कुली’ जैसी फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में मास्टर रवि ने अमिताभ के बचपन का किरदार निभाया था. मास्टर रवि ने अपने करियर में अलग अलग भाषाओं में 300 से भी ज्यादा फिल्में कीं है. बड़े होने पर मास्टर रवि ने रवि वलेचा के नाम से खुद को फिल्मों में स्थापित किया। कई टीवी शोज में भी उन्होंने काम किया जो खूब चर्चित रहे. बाद में रवि ने अपना रुख फिल्मों से दूर कर लिया और आज रवि वलेचा का हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में खूब नाम है। वो इंडिया के टॉप प्राइवेट सेक्टर बैंकों को अपनी हॉस्पिटैलिटी की सेवाएं दे रहे हैं।
सचिन पिलगाओंकर ने 5 साल की उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. चाइल्ड एक्टर के बेस्ट रोल के लिए उन्हें 2 बार नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. सचिन ने साल 1965 में फिल्म डाक घर से अपने करियर की शुरुआत की. मगर साल 1967 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म मंझिली दीदी में जब वे नजर आए तो उनके काम को नोटिस किया गया था. इसके बाद उन्होंने ज्वेल थीव, ब्रह्मचारी, बचपन और शोले जैसी फिल्म में अहम रोल प्ले किए और उनकी स्टार छवि बन गई. बड़े होने के बाद सचिन को त्रिशूल, कॉलेज गर्ल, अंखियों के झरोखे से जैसी फिल्मों देखा गया. साल 2000 के बाद से सचिन पिलगाओंकर ने मराठी सिनेमा पर फोकस करना शुरू कर दिया. वे जाना पहचाना, कैदी बंद और हिचकी जैसी हिंदी फिल्मों में भी नजर आए.
‘मदर इंडिया’ भारतीय सिनेमा जगत की एक ऐसी फिल्म बनी जिसने सफलता के नए आयाम गढ़े इस फ़िल्म का मुख्य किरदार, ‘बिरजू’ के बचपन का किरदार भी बेहद जबरदस्त था जिसे निभाया था साजिद खान को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म सन ऑफ़ इंडिया में भी देखा गया था.
फातिमा सना शेख ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। उन्होंने कई टीवी सीरियल और फिल्मों में काम किया है। बड़ी होने के बाद उन्होंने बॉलीवुड की पॉपुलर फिल्म दंगल में गीता फोगट का किरदार निभाया था जो दर्शकों के द्वारा काफी पसंद किया गया था। इसके बाद वह आमिर खान और अमिताभ बच्चन स्टारर ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में भी नजर आयी थीं.
1967 में फिल्म हमराज़ में सारिका ने बतौर गर्ल चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया और बेबी सारिका के नाम से लोग उन्हें जानने लगे. एक्टर सचिन के साथ सारिका ने कई हिंदी और मराठी फिल्में कीं.
सत्यजीत पूरी ने बतौर चाइल्ड एक्टर फिल्मो में कदम रखा था. फिल्म अनुराग के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था.चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में उन्हें अनुराग, पहेली, हरि दर्शन, बिदाई जैसी फिल्मो में देखा गया. बड़े होने के बाद आखिरी बार उन्हें दुलारा, ज़मीर में देखा गया था.
फिल्म ‘हम हैं राही प्यार के में विकी नाम का किरदार निभाने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम शरोख भरुचा है. शरोख ने कई फिल्मो के साथ ‘करीना करीना’, ‘रिश्ते’ और ‘हिप हिप हुर्रे’ जैसे हिट टीवी सीरियल भी किये. बाद में उन्होंने बॉलीवुड और टेलीविज़न से दूरी बनाली थी.
बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेताओं में गिने जाने वाले शशि कपूर ने 10 साल की उम्र में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर बॉलीवुड में कदम रखा था. उनकी पहली फिल्म आग थी जिसके लिए उन्हें खूब प्रशंसा मिली थी. फिल्म ‘आवारा’ में भी शशि ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम किया. शशि कपूर को लीजेंड माना जाता है. उन्होंने करीब 40 से ज्यादा सालों तक अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में काम किया था.
श्रिया शर्मा एक बाल अभिनेत्री के रूप में पहली बार ज़ी टीवी के शो ‘कन्हैया’ में नज़र आयी थी. यहां उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई और इस भूमिका ने उन्हें रातोंरात सफलता दिलाई। श्रिया को चिल्लर पार्टी फिल्म में भी देखा गया था फिल्मो के सिवा श्रिया कई टीवी शो में भी नज़र आ चुकी है.
फिल्म मकड़ी में नज़र आने वाली श्वेता बासु प्रसाद ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर इंडस्ट्री में कदम रखा था. इस फिल्म में उनका किरदार पर उनका अभिनय इतना दमदार था, कि इसके लिए उन्हें नेशनल अवार्ड से नवाजा गया था. श्वेता को मकड़ी के सिवा इक़बाल, वाह लाइफ हो तो ऐसी डरना जरूरी है, राइड,बद्रीनाथ की दुल्हनिया जैसी फिल्मों में देखा गया था. इसके साथ ही श्वेता कई टीवी शो में भी नज़र आ चुकी है.
70 और 80 के दशक की बेहद खूबसूरत और बेहतरीन अदाकाराओं में से एक मानी जाने वाली नीतू सिंह ने बचपन में ही एक्टिंग शुरू कर दी थी, 60 के दशक में उन्होंने ‘दो कलियां’, ‘पवित्र पापी’ और ‘वारिस’ जैसी फिल्में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी. उन दिनों इनका स्क्रीन नेम ‘बेबी नीतू’ या ‘बेबी सोनिया’ हुआ करता था. नीतू सिंह बॉलीवुड की कई हिट फिल्मो में काम किया है. आखिरी बार नीतू को 2013 में ‘बेशर्म’ फिल्म में देखा गया था इस फिल्म में नीतू ने बेटे रणबीर कपूर के साथ पहली बार काम किया था.
शाहरुख़ खान की फिल्म ‘बाजीगर’ में यंग शारुख खान का किरदार निभाने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम सुमित पाठक था. सुमित सलमान खान की 2002 की सुपरहिट फिल्म “तुमको ना भूल पायेंगे” में भी दिखाई दिए थे. सुमित ने कई फिल्मो में साइड रोले में भूमिका निभाई। फिल्मो में न चल पाने की वजह से सुमित ने टीवी का रुख किया। उन्होंने हॉरर शो में काम किया और ‘हीरो-शक्ति की भक्ति’ शो में दिखे जिससे उन्हें पॉपुलैरिटी मिली, यह शो 2007 तक चला इसके बाद वह दोबारा किसी शो में नजर नहीं आये.
तीन साल की उम्र से फिल्मों में कदम रखने वाली स्विनी खरा अपनी एक अलग पहचान रखती हैं. ‘चीनी कम’ और ‘कल्लो’ जैसी फिल्मों में नज़र आने वाली स्विनी खरा कुछ फिल्मो और शो में नज़र आयी उसके बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया से ब्रेक ले लिया है.
तब्बू ने देवानंद की फिल्म हम नौजवान में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया था। बड़े होने के बाद तब्बू ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और फिल्म इंडस्ट्री में तब्बू ने अपनी धाक जमा ली है.
उर्मिला मातोंडकर बचपन में ही बॉलीवुड में कदम रख चुकी थीं। उन्होंने साल 1983 में आई फिल्म मासूम में शबाना आजमी और नसरूद्दीन शाह की बेटी का किरदार निभाया था। इसके बाद बड़ी होने पर उन्होंने 1995 में आई फिल्म रंगीला से एक अभिनेत्री के तौर पर फिल्मों में अपना डेब्यू किया था और बॉलीवुड में जगह बनाई थी. फ़िलहाल उर्मिला बॉलीवुड से दूर है.
विशाल सोलंकी एक भारतीय फिल्म अभिनेता, लेखक, निर्देशक, निर्माता और फोटोग्राफी के निर्देशक हैं। विशाल ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने अभिनय करियर की शुरुआत फिल्म खूबसूरत से की थी. विशाल फिल्म करीब में भी दिखे थे. वही विशाल टीवी शो फैमिली नंबर 1 में भी नज़र आए थे.
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