गायत्री देवी गायकवाड़ बायोग्राफी: जन्म, परिवार, शादी, राजनीतिक जीवन

भारत के इतिहास में कई खूबसूरत रानियां रहीं है। जिनकी खूबसूरती और बहादुरी के कायल तो हर कोई है।लेकिन एक रानी भारतीय इतिहास में ऐसी हुई, जिन्हें भारत ही नहीं दुनियां की सबसे खूबसूरत रानी मानी जाती है। उस जमाने में वह अपनी स्टाईल और अपनी बातों से सभी का दिल जीत लेती थी।हम जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी गायकवाड़ के बारे में बात कर रहे हैं. इस अर्टिकल में हम आपको उनके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं. चालिए जानते हैं महारानी गायत्री देवी गायकवाड़ के बारे में.

गायत्री देवी का जन्म(Birth of Gayatri Devi)

गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को कोच बिहार (वर्तमान में पश्चिम बंगाल में) की राजकुमारी के रूप में हुआ था। उनका जन्म कोच बिहार के राजकुमार जितेंद्र नारायण और बर्दा की मराठा राजकुमारी इंदिरा राजे के घर हुआ था।जब वह छोटी थी, तो उसके चाचा की मृत्यु हो गई और उसके पिता सिंहासन पर चढ़ गए। उसने कई उतार-चढ़ावों के साथ एक शानदार जीवन जिया।

गायत्री देवी की शादी(Gayatri Devi’s wedding)

12 साल की उम्र में गायत्री देवी को घुड़सवारी, शिकार और कई अन्य शौक थे। इनमें से उन्हें पोलो खेलना और देखना भी बहुत पसंद था। वह अक्सर पोलो मैच देखने जाती थीं और ऐसे ही एक मैच में उनकी मुलाकात जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय से हुई।दोनों को जल्दी ही प्यार हो गया और छह साल तक उनका अफेयर चला। छह साल तक डेटिंग करने के बाद आखिरकार उन्होंने शादी कर ली।महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय से विवाह करने के बाद भी वे शाही अंदाज में जीवन जीती रहीं। बताया जाता है कि वे बेहद खूबसूरत थीं और उन्हें मेकअप की भी जरूरत नहीं पड़ती थी। मशहूर वोग मैगजीन ने उनका नाम दुनिया की 10 सबसे खूबसूरत महिलाओं की सूची में शामिल किया था।

गायत्री देवी का राजनीतिक जीवन(Political life of Gayatri Devi)

गायत्री देवी राजनीति में भी सक्रिय रहीं। आजादी के बाद जब 1962 में सी राजगोपालाचारी ने स्वतंत्र पार्टी बनाई तो उन्होंने जयपुर की लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। इससे उनके प्रति जनता का प्यार झलकता है।इसके अलावा 1967 और 1971 के चुनावों में वह स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर जयपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य चुनी गईं।वह हमेशा महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की समर्थक रहीं। उन्होंने जयपुर में लड़कियों के लिए एक स्कूल बनवाया क्योंकि शिक्षा विकास की पहली सीढ़ी है। साथ ही, उन्होंने अपने दिवंगत पति महाराजा सवाई मान सिंह विद्यालय की याद में एक सह-शिक्षा विद्यालय भी खोला।1975 में आपातकाल के दौरान महारानी गायत्री देवी को गिरफ्तार किया गया था। आपातकाल के समय इंदिरा गांधी ने राजमाता गायत्री देवी को जेल में डाल दिया था। इसके बाद जयपुर में सेना भेज दी। किले की खुदाई की गई। खुदाई में यहां बहुत सारा सोना और हीरे-जवाहरात मिले।

गायत्री देवी का निधन(Gayatri Devi passes away)

जेल से रिहा होने के बाद गायत्री देवी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।ये कहते हुए कि जिस देश में एक तानाशाह का राज हो, वहां लोकतंत्र की क़ीमत ही क्या है। इंदिरा और गायत्री देवी के बीच अदावत ताउम्र जारी रही। यहां तक कि संजय गांधी की मृत्यु पर गायत्री देवी ने इंदिरा को फ़ोन किया। लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया. 29 जुलाई 2009 को गायत्री देवी की एक बीमारी के चलते मृत्यु हो गई।