कोरोना वायरस का संक्रमण चीन समेत कई देशों में फैलता जा रहा है। भारत में भी इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।दिल्ली समेत देश के सात हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. ताकि अगर चीन या हांगकांग से लौटे किसी शख़्स में संक्रमण के असर दिखते हैं तो उसकी तुरंत जांच कराई जा सके। इस वायरस को लेकर सबसे बड़ा ख़तरा ये है कि यह इंसानों से इंसानों में फैलता है।
इस वायरस के लक्षण निमोनिया की तरह ही है जिनमे बुखार आना, सांस लेने में दिक्कत होना, सर्दी-जुकाम, खांसी, नाक का लगातार बहना और सिर में दर्द होना शामिल है। समुद्री जीव-जंतुओं के जरिये यह वायरस फैलता है।
सिवीर एक्यूट रेस्परटॉरी सिंड्रोम (गंभीर श्वसन लक्षण) और मिडिल इस्टर्न रेस्परटॉरी सिंड्रोम दोनों तरह की परेशानी कोरोना वायरस से होता है। कोरोना वायरस में किसी भी तरह की कोई एंटीबायोटिक काम नहीं करती है। फ्लू में दी जाने वाली एंटीबायोटिक भी इस वायरस में काम नहीं करती है।
डॉ के अनुसार इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। इसके बचाव से ही रोकथाम हो सकता है।
इस वायरस से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे। विटामिन-सी युक्त फल खाएं। साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली खाद्य पदार्थों का प्रयोग करें।
किसी भी देश की यात्रा करने के दौरान मीट खाने से बचें। मांस-मछली और सी फूड न खाएं, बाहर के खाने से परहेज करें। ताजा खाना पकाकर खाएं।
किसी भी चीज को छूने या इस्तेमाल करने के बाद साबुन से हाथ धोना जरूरी है। कुछ भी खाने से पहले हाथ जरुर धुलें।
बात करते समय खांसते, छींकते समय मुंह पर मास्क लगाकर रखें या मुंह ढककर रखें। हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करते रहें।बाहर से घर या ऑफिस पहुंचने पर हाथ साबुन से धुलें। अगर किसी को जुकाम-खांसी, फीवर, नाक बहने जैसी दिक्कतें हैं तो ऐसे व्यक्ति से दुरी बना कर रखे
सार्वजनिक स्थल पर जाने से बचें। हाथ मिलाने से बचें। हाथ को आंख, नाक और मुंह को सीधे न छुए। पशु वधशालाओं, पशु-पक्षी पालन गृह में जाने से परहेज करें।
इस संक्रमण से निजात पाने के लिए फिलहाल कोई ख़ास इलाज नहीं है फ़िलहाल इस वायरस से बचने का उपाय सावधानी सतर्कता बरतना ही है।