हेमा मालिनी वो नाम जो हर शख्स की जुबां पर चढ़ा रहता है. ये सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि हेमा मालिनी वो ड्रीम गर्ल हैं. जिसकी ख्वाइश हर इंसान रखता है. हेमा मालिनी ने बॉलीवुड की फिल्मों के जरिए ही नहीं बल्कि राजनीति के जरिए भी लोगों के दिलों में जगह बनाई है.आइए जानते हैं हेमा मालिनी के बचपन से लेकर 75 वर्ष तक के सफर के बारे में.
हेमा मालिनी का जन्म(birth of hema malini)
आपको जानकर यह हैरानी होगी की हिंदी फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाने वाली हेमा मालिनी का जन्म किसी हिंदी भाषी राज्य में नहीं बल्कि दक्षिण भारत में हुआ है.हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को अम्मनकुडी, तमिलनाडु में हुआ था.उनका पूरा नाम हेमा मालिनी आर. चक्रवर्ती है.उनके पिता का नाम वी.एस.आर. चक्रवर्ती है.उनकी माँ का नाम जया चक्रवर्ती है.जोकि एक फिल्म निर्माता थीं.
हेमा मालिनी की शिक्षा(Hema Malini’s education)
हेमा मालिनी ने चेन्नई के आंध्र महिला सभा से अपनी पढ़ाई पूरी की.वे 10वीं क्लास की परीक्षा नहीं दे पाई थीं
हेमा मालिनी की शादी(marriage of Hema Malini)
हेमा-मालिनी की शादी बॉलीवुड के ‘माचो मैन’ के नाम से मशहूर अभिनेता धर्मेन्द्र से हुई हैं.उनकी दो बेटियां हैं.ईशा देओल और अहाना देओल.उनकी दोनों ही बेटियों की शादी हो चुकी हैं.
हेमा मालिनी का करियर(Hema Malini’s career)
हेमा-मालिनी को अपने शुरूआती करियर में कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. यहाँ तक की एक बार तमिल निर्देशक ने उन्हें अपनी फिल्म मे यह कहकर लेने से मना कर दिया था. कि उनमे एक स्टार अपील नहीं है. हेमा मालिनी ने हिंदी सिनेमा में कई सालों तक बेहद संघर्ष किया. साल 1968 में उन्होंने राजकपूर निर्देशित फिल्म सपनों के सौदागर में अभिनय किया.फिल्म तो बॉक्स-ऑफिस पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने खूब पसंद किया.
हेमा मालिनी को पहली सफलता वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म जॉनी मेरा नाम से हासिल हुई.इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे.फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही.हेमा मालिनी को प्रारंभिक सफलता दिलाने में निर्माता-निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्मों का बड़ा योगदान रहा. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश की ही फिल्म अंदाज 1971 से मिला. इसे महज संयोग कहा जाएगा कि निर्देशक के रूप में रमेश सिप्पी की यह पहली फिल्म थी.इस फिल्म में हेमा मालिनी ने राजेश खन्ना की प्रेयसी की भूमिका निभाई जो उनकी मौत के बाद नितांत अकेली हो जाती है. अपने इस किरदार को हेमा मालिनी ने इतनी संजीदगी से निभाया कि दर्शक उस भूमिका को आज भी भूल नही पाए हैं.
वर्ष 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म सीता और गीता में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई.इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं. उन्हें इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म सीता और गीता में जुड़वा बहनों की कहानी थी जिनमें एक बहन ग्रामीण परिवेश मे पली-बढ़ी है और डरी सहमी रहती है जबकि दूसरी तेज तर्रार युवती होती है.
हेमा मालिनी के लिए यह किरदार काफी चुनौती भरा था.लेकिन उन्होंने अपने सहज अभिनय से न सिर्फ इसे अमर बना दिया बल्कि भविष्य की पीढ़ी की अभिनेत्रियों के लिए इसे उदाहरण के रूप में पेश किया. परदे पर हेमा मालिनी की जोड़ी धर्मेन्द्र के साथ खूब जमी. यह फिल्मी जोड़ी सबसे पहले फिल्म सराफत से चर्चा में आई. वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म शोले में धर्मेन्द्र ने वीरु और हेमामालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोंरजन किया.हेमा और धमेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि धर्मेन्द्र की रील लाइफ की ड्रीम गर्ल हेमामालिनी उनके रीयल लाइफ की ड्रीम गर्ल बन गईं. बाद में इस जोड़ी ने चरस, आसपास, प्रतिज्ञा, रजिया सुल्तान, अली बाबा और चालीस चोर, बगावत, आतंक, द बर्निंग ट्रेन, और दोस्त आदि फिल्मों में एक साथ काम किया.
वर्ष 1975 हेमा मालिनी के सिने कैरियर का अहम पड़ाव साबित हुआ.उस वर्ष उनकी संन्यासी, धर्मात्मा, खूशबू, और प्रतिज्ञा जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुई. उसी वर्ष हेमा मालिनी को अपने प्रिय निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म शोले में काम करने का मौका मिला.इस फिल्म में अपने अंदाज से हेमा मालिनी ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.फिल्म में हेमा मालिनी के संवाद उन दिनों दर्शकों की जुबान पर चढ़ गए और आज भी सिने प्रेमी उन संवादों की चर्चा करते हैं.
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी पर आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं. लेकिन उन्होंने खुशबू 1975 किनारा 1977 और मीरा 1979 जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिए बंद कर दिया.इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनय का जलवा छाया हुआ था.इसी को देखते हुए निर्माता प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्हें लेकर फिल्म ड्रीम गर्ल का निर्माण तक कर दिया.
पॉलिटिकल करियर(political career)
हेमा ने 2003 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. वह वर्तमान में उत्तरप्रदेश के मथुरा से लोकसभा सांसद हैं.
अवॉर्डस(Awards)
1.हेमा मालिनी को वर्ष 1973 में “सीता और गीता” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला.
2.इसके अतिरिक्त 1999 में उन्हें फ़िल्मफेयर का ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ भी मिल चुका है.
3.हिन्दी सिनेमा और कला जगत में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने द्वारा वर्ष 2000 पद्मश्री की प्रतिष्ठित उपाधि से भी सम्मानित किया गया.