भारत की ओलंपिक रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू इन दिनों बर्मिंघम में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बनी हुई है. मीराबाई ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन शनिवार को भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता। मीराबाई ने महिलाओं की 49 kg वर्ग में 201 किलो के प्रदर्शन के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम कर भारत को ये पदक दिलाया, जिसके बाद फैंस और सभी देशवासी मीरा को ढ़ेरों बधाइयाँ दे रहे है. वही फैंस अब मीराबाई के बारे में जाने के काफी इच्छुक है. तो आइये आज हम आपको मीराबाई चानू के जीवन से जुडी बाते बताते है.
मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त साल 1994 को मणिपुर के नोंगपेक काकचिंग गांव में हुआ था. मीराबाई के पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई है जो PWD डिपार्टमेंट में नौकरी करते हैं वही इनकी माता का नाम साइकोहं ऊंगबी तोम्बी लीमा है जो पेशे से एक दुकानदार हैं. मीरा को बचपन से ही वेटलिफ्टिंग का शौक था. महज 12 साल की उम्र से वो लकड़ियों के मोटे-मोटे गट्ठर उठाकर अभ्यास करती थीं.
मीराबाई चानू ने अपना ध्यान वेटलिफ्टिंग में लगाना शुरू किया था वो महिला वेटलिफ्टर कुंजुरानी देवी से काफी प्रेरित थी. मीराबाई ने कुंजुरानी देवी के अंतर्गत ही वेटलिफ्टिंग किया है. कुंजुरानी देवी इम्फाल मणिपुर की निवासी हैं, और खुद भी वेटलिफ्टिंग में एक भारतीय खिलाड़ी रह चुकी हैं।
मीराबाई ने साल 2008 में इम्फाल में वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्हें साल 2011 में बेंगलुरु में आयोजित नेशनल कैंप में शामिल किया गया था. फिर वह साल 2012 में नेशनल कैम्प पटियाला में गयी. मीराबाई ने साल 2014 में ग्लासगो में 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत जीतकर अपना पहला राष्ट्रमंडल खेलों का पदक जीता था.
इसके बाद उन्होंने साल 2016 के रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया हालांकि, रियो में उनका प्रदर्शन असफल रहा. लेकिन दो साल बाद मीराबाई चानू ने स्नैच में 86 किग्रा, और क्लीन ऐंड जर्क में 110 किग्रा समेत कुल 196 किग्रा वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था.
इसके बाद उन्होंने साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता और मीराबाई रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गईं. वही अब हाल ही में उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन भारत को गोल्ड मेडल दिलाया.
आपको बता दे कि मीराबाई चानू रेलवे में टीसी पद पर कार्यरत हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री ने उनकी जीत के बाद उन्हें एक करोड़ रुपये का इनाम और एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। वही ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद मीराबाई को डोमिनोज पिज़्ज़ा की ओर से आजीवन मुफ्त पिज़्ज़ा देने का ऐलान किया गया था.
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