सभी बहनों को जय जिनेन्द्र। आज बहुत अच्छा पर्व है सुहाग दशमी का पर्व।सभी बहनें अपने अपने स्वभाव के लिए। इस व्रत का धारण करती है। आइए सभी बहनों में स्वर्गदशमी का व्रत क्यों किया जाता है? कथा सुनाने जा रही हूँ। मेरी कथा को ध्यान से सुनिए और सभी बहनें इस कथा को सुनने से पहले अपने हाथ में। खड़े चावल बिना टूटे हुए 10 चावल रख लें। पूरी कथा सुनने के बाद ही इस। चावल को क्या करना है, मैं बताती हूँ आइए। कथा को सुनिए। एक नगर…
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Sawan Somwar Wishes : अबकी श्रावण में 5 सावन सोमवार, पहले-अंतिम सोमवारी पर सर्वार्थ सिद्धि योग साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जप
पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में सावन के महीने की शुरुआत 19 जुलाई से होगी और सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को आएगा वहीं इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का बेहद खास महत्व है क्योंकि महादेव को यह दिन समर्पित है।आइए जानते हैं इस साल सावन सोमवार किस-किस तारीख को है? 5 सावन सोमवार पर कौन-कौन से योग, नक्षत्र और तिथि हैं। इस साल का सावन सोमवार अतिशुभ फलदायी है क्योंकि पहली सोमवारी और अंतिम सोमवारी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है,…
Read More12 जून 2024 को शुक्र कर रहा है वृषभ राशि में गोचर, जानिए किस राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा?
वृषभ राशि में शुक्र गोचर शुक्र गृह को स्त्री ग्रह और सौंदर्य का संकेतक कहा गया है, 12 जून 2024 को शाम 6:15 बजे इस गोचर को करने वाला है। यह लेख वृष राशि में शुक्र गोचर के बारे में है। चूँकि शुक्र प्रेम और विवाह का प्रतीक है, इस स्त्री ग्रह पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है। ज्योतिषिय में शुक्र ग्रह का महत्व शुक्र गृह का अच्छा होना जीवन में सभी आवश्यक संतुष्टि, स्वास्थ्य और एक मजबूत मन प्रदान कर सकता है। एक मजबूत शुक्र जातकों को सभी…
Read Moreकालकाजी मंदिर: एक अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थल
दिल्ली, भारत की राजधानी, विविधता से भरी हुई है और यहां हर कोने में एक अद्वितीय सांस्कृतिक गहराई है। इस रूप में, कालकाजी मंदिर एक शानदार आध्यात्मिक दर्शन है जो शहर की भौतिक धूप में भी आत्मा को शांति प्रदान करता है। कालकाजी मंदिर, जो कि मां काली को समर्पित है, एक प्राचीन और प्रमुख धारोहर है जो आकर्षक और मनोहर है। मंदिर की स्थापना का इतिहास गहरा है और इसे मां काली के पूजन स्थल के रूप में माना जाता है, जो शक्ति और संरक्षण की देवी हैं। कहां…
Read Moreमाघ शिवरात्रि कब और क्यूँ मनाई जाती है, जानें महत्त्व, तिथि व पूजा विधि
माघ मास की चौथी तिथि को आने वाली “माघ शिवरात्रि” हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव की पूजा के लिए की जाती है। यह व्रत भक्तों को माघ मास में भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस दिन शिवरात्रि के विशेष महत्व के साथ, यह धार्मिक त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। हर माह की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इसे ही मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं. शिवरात्रि जिस महीने में…
Read Moreमौनी अमावस्या कब मनाई जाती है, जानें महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हर तिथि का अपना एक विशेष महत्व होता है.हिन्दू पंचांग के मुताबिक हर महीने कृष्ण पक्ष में 12 अमावस्या पड़ती हैं ,अमावस्या तिथि हमारे पूर्वजों को समर्पित की गई हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले ज्योतिषी उपाय आपको पितृ दोष से मुक्ति दिला सकते हैं. इस बार मौनी अमावस्या 9 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है. तो अगर आप भी अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस दिन कुछ सरल…
Read MorePaush Purnima 2024: जानें पौष पूर्णिमा की तिथि, महत्व योग व उपाय
हिन्दू पंचांग के पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है.हिंदू धर्म में पौष माह की पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र में पौष माह को सूर्य देव का माह कहा जाता है. कहा जाता है की इस माह में सूर्य देव की पूजा से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा…
Read Moreपौष पुत्रदा एकादशी: जानें महत्त्व, तिथि व पूजा विधि
पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘पौष पुत्रदा एकादशी’ कहा जाता है जिसे हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना गया है। पौष व्रत पौष मास में आने वाली एकादशी तिथि को मनाया जाता है और इसे पुत्रदा एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना कि जाती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत एक साल में दो बार किया जाता है। पहला व्रत पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है, तो वहीं दूसरा…
Read Moreमकर संक्रांति पर करे ये 10 दान मिलेगा भगवान सूर्य और शनिदेव का आशीर्वाद
मकर संक्रांति का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग स्नान, दान, पूजा, और पाठ करते हैं, जिससे वे विशेष लाभ प्राप्त करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल (2024) मकर संक्रांति 15 जनवरी को सोमवार को मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा करना अत्यंत आवश्यक है। पूजा-उपासना करके साधक कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त 15 जनवरी को पुण्य काल सुबह 07:15 मिनट से लेकर शाम 5:44 मिनट तक चलेगा। इसके अलावा, महा पुण्य काल सुबह 07:15 से…
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