मौनी अमावस्या कब मनाई जाती है, जानें महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार हर तिथि का अपना एक विशेष महत्व होता है.हिन्दू पंचांग के मुताबिक हर महीने कृष्ण पक्ष में 12 अमावस्या पड़ती हैं ,अमावस्या तिथि हमारे पूर्वजों को समर्पित की गई हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले ज्योतिषी उपाय आपको पितृ दोष से मुक्ति दिला सकते हैं. इस बार मौनी अमावस्या 9 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है. तो अगर आप भी अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस दिन कुछ सरल उपाय कर सकते हैं.

कब है मौनी अमावस्या :-

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की आमवस्या तिथि 9 फरवरी दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी. इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 10 फरवरी शनिवार को प्रात: 04 बजकर 28 मिनट पर होगी. अमावस्या तिथि 10 फरवरी को सूर्योदय पूर्व ही समाप्त हो जा रही है, इस वजह से मौनी अमावस्या 9 फरवरी शुक्रवार को मनाई जाएगी.

क्या शुभ मुहूर्त है?

मौनी अमावस्या वाले दिन पवित्र नदियों में ब्रह्म मुहूर्त से ही स्नान प्रारंभ हो जाएगा. मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:21 से सुबह 06:13 तक है. इसके अलावा सुबह 07 बजकर 05 मिनट से पूरे दिन स्नान, दान और पूजा के लिए शुभ समय है.मौनी अमावस्या के दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक है. उस दिन का सूर्योदय सुबह 07:05 पर होगा और सूर्यास्त साय 06:06 पर होगा. मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र प्रात:काल से रात 11:29 बजे तक है.

मौनी अमावस्या का महत्व :-

मौनी अमावस्या के दिन गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है. इस दिन मौन व्रत रखा जाता है.इस दिन व्यक्ति आत्म चिंतन कर तन और मन को शुद्ध करते हैं. ऐसा माना जाता है मौनी अमावस्या को मां गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है. मान्यता है जो गंगा में स्नान करता है, उसके पाप मिट जाते हैं और व​​ह मोक्ष प्राप्ति करता है.सभी 12 अमावस्या में सोमवती अमावस्या के साथ मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या, माघ अमावस या माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं.मौनी अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है, पाप मिटते हैं. पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करने से जीवन में सुख और शांति आती है.

सर्वार्थ सिद्धि योग :-

मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट से बन रहा है, जो रात 11 बजकर 29 मिनट तक है. ऐसा माना जाता है सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं.इस योग में किए गए दान, पूजा पाठ का पूर्ण फल प्राप्त होता है. इसी दिन व्यतीपात योग भी बन रहा है, जो सुबह से लेकर शाम 07:07 बजे तक है.

मौनी अमावस्या में करें ये उपाय:-

ज्योतिष शास्त्र में माना गया है मौनी अमावस्या के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए.साथ ही आपको तेल, कंबल, चावल, मिठाई, आटा, शक्कर, दूध आदि का दान भी करना चाहिए . इन दानों को कर आप कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं .

मृत पूर्वजों के निमित्त तर्पण और पिंडदान अमावस्या के दिन करने से विशेष फल मिलता है.किसी भी पवित्र नदी के तट पर पानी में तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की तरफ अपना मुख करें और पितरों को जल अर्पित कर पिंडदान करें. यह उपाय करने इससे आपके घर में सुख-समृद्धि का वास होगा साथ ही वंश की वृद्धि होती है.

इस दिन पशु पक्षी को भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. कहते हैं मौनी अमावस्या के दिन आप कौवा, कुत्ता, चींटी, गाय को भोजन कराएं.इस दिन तांबे के कलश में लाल रंग का फूल, रोली, अक्षत, मिश्री और पानी मिलाकर सूर्य देव को अर्घ देने से लाभ की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन सूर्य देव को जल जरूर अर्पित करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.)

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