होली का त्यौहार बहुत खास होता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को रंगोत्सव मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता चली आ रही है कि होली खेलने से पहले सभी देवी-देवताओं को अबीर-गुलाल अर्पित करने के बाद रंग खेलने की शुरुआत करनी चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि सभी देवी और देवताओं का एक प्रिय रंग होता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि कौन से देवता को कौन से रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए।
पीले रंग के वस्त्र
भगवान कृष्ण और राम विष्णुजी के ही अवतार माने गए हैं और इन सभी को पीतांबर माना जाता है। पीले रंग के वस्त्र, पीले फूलों से ही उनका श्रृंगार किया जाता है। इसलिए होली के दिन इन तीनों ही देवताओं को पीले रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए और पीले फूल चढ़ाने चाहिए। इसके अलावा ठंडाई में केसर मिलाकर भोग लगाना चाहिए।
लाल रंग के वस्त्र
कहते हैं कि मां दुर्गा, लक्ष्मी माता और हनुमानजी को लाल रंग प्रिय है। यही वजह से है इन सभी को लाल रंग के वस्त्र भेंट किए जाते हैं और लाल रंग का चोला चढ़ाया जाता है। होली के अवसर पर इन तीनों ही भगवान को लाल रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए।
नीले रंग के वस्त्र
भगवान को शिव को अघोर और वैरागी माना गया है। इसलिए उनको होली के दिन श्मशान की राख अर्पित की जाती है। अगर आपके लिए यह राख ला पाना संभव न हो तो उनके नीले स्वरूप के अनुरूप उन्हें नीले रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए।
हरे रंग के वस्त्र
सफेद रंग के वस्त्र
सफेद के वस्त्र मंदिरों में अक्सर होली के अवसर पर पर विद्या की देवी मां सरस्वती को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित किए जाते हैं। अगर आप भी घर के पूजास्थल में मां सरस्वती तस्वीर रखते हैं तो उन्हें सफेद रंग के फूल चढ़ाएं और पीले रंग का गुलाल चढ़ाएं