लक्ष्मी निवास मित्तल से लेकर अजय पीरामल तक ये बिजनेसमैन हैं मारवाडी

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कहते हैं आपको यदि बिजनेस करना है तो आप मारवाड़ियों से सीखे.मारवाड़ियों का बिजनेस करने का तरीका,उनका बिजनेस के प्रति लगाव लोगों को प्रोत्साहित करता है.भारत के जितने भी बिजनेसमैन हैं. उनमें से अधिकतर मारवाड़ी ही है. और वह अपने बिजनेस स्किल्स के दम पर दुनिया भर में राज कर रहे हैं. आईए जानते हैं ऐसे मारवाड़ी बिजनेसमैनों के बारे में.

लक्ष्मी निवास मित्तल(Lakshmi Niwas Mittal)

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लक्ष्मी मित्तल को दुनिया इस्पात जगत के सबसे सफल और बड़े कारोबारी के तौर पर जानती है

इंसान अपनी मेहनत से फर्श से अर्श तक पहुंच सकता है.इसका जीता जागता उदाहरण लक्ष्मी निवास मित्तल है.लक्ष्मी निवास मित्तल का जन्म 2 सितंबर, 1950 को राजस्थान के चुरू जिले की राजगढ़ तहसील में हुआ था. लक्ष्मी मित्तल को दुनिया इस्पात जगत के सबसे सफल और बड़े कारोबारी के तौर पर जानती है.लक्ष्मी निवास मित्तल जितने बड़े उद्योगपति हैं, उतने ही बड़े दिलवाले भी हैं.जरूरत पड़ने पर वो लोगों को करोड़ों रुपए दान कर देते हैं.उन्होंने 2020 में भारत में COVID-19 महामारी के दौरान पीएम केयर्स फंड में ₹100 करोड़ का दान दिया.

कुमार मंगलम बिडला(Kumar Mangalam Birla)

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कुमार मंगलम बिड़ला आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष हैं

कुमार मंगलम बिड़ला एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और मशहूर आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष हैं. कुमार मंगलम बिड़ला का जन्म 14 जून 1967 राजस्थान के एक मारवाड़ी व्यवसायी बिड़ला परिवार में हुआ था.आदित्य बिड़ला ग्रुप भारत के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है. ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल, आदित्य बिरला मिनिक्स आदि बिड़ला ग्रुप के अंतर्गत आने वाली कंपनियां हैं.1995 में अपने पिता आदित्य बिड़ला के अकस्मात् निधन के बाद कुमार मंगलम बिड़ला समूह के अध्यक्ष बनाए गए. उस समय उनकी उम्र केवल 28 साल थी.उस समय लोगों ने इतने बड़े बिड़ला साम्राज्य को चलाने में उनकी काबिलियत पर प्रश्न उठाए.पर उन्होंने अपने कौशल, लगन, मेहनत और सोच से न सिर्फ आदित्य बिड़ला समूह को आगे बढ़ाया बल्कि नए क्षेत्रों में भी कंपनी का विस्तार किया.भारत के अलावा आदित्य बिड़ला ग्रुप का कारोबार लगभग 40 देशों में फैला है.

राहुल बजाज(Rahul Bajaj)

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राहुल बजाज भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से थे

राहुल बजाज भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से थे.वे बजाज समूह के अध्यक्ष भी थे. राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था बजाज व्यवसायिक घराने की नीव राहुल के दादा जमनालाल बजाज ने रखी थी.जमनालाल बजाज का बजाज का जन्म राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था. जमनालाल बजाज भारत के एक उद्योगपति, मानवशास्त्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे.वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे.तथा उनके बहुत करीबी व्यक्ति थे.राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की बागडोर संभाली. उनके कुशल नेतृत्व में कंपनी ने सफलता के नई बुलंदियों को छुआ.

जाने भारत के गुजराती बिजनेसमैनों के बारे में

किशाेर बियानी(Kishor Biyani)

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किशाेर बियानी फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर हैं

किशाेर बियानी फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर हैं. इसके अलावा वे रिटेल बिजनेस Pantaloon Retail and Big Bazaar के फाउंडर है. किशाेर बियानी का जन्म किशाेर का जन्म 9 अगस्त 1961 काे मुंबई में राजस्थान के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. किशाेर के दादा कभी राजस्थान के नागाैर जिले के निम्बी गांव से मुंबई में धोती और साड़ियां का बिज़नेस करने आए थे.किशाेर बियानी हमेशा कुछ अलग करना चाहते थे और उन्हाेंने अपने टेलेंट को पहचाना और उसे एक सही दिशा दी.आज उनकी कंपनी पैंटालून पूरी दुनिया में बिजनेस कर रही है. 22 साल की उम्र में किशाेर का विवाह हाे गया. इसी उम्र में उन्हाेंने ट्राउजर बनाने का काम शुरू किया और यह चल निकला. 1987 तक नई कंपनी मैंस वियर प्रा. लि. शुरू की. इसमें कपड़े पैंटालून के नाम से बेचे जाते थे.

अजय पीरामल(Ajay Piramal)

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अजय पीरामल भारत के सफल उद्योगपतियों में से एक हैं

अजय पीरामल भारत के सफल उद्योगपतियों में से एक हैं.उनका जन्म 3 अगस्त 1955 काे राजस्थान में हुआ था. वे पीरामल ग्रुप का नेतृत्व करते हैं.अजय पीरामल, टाटा संस बोर्ड के गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। वे भारत के अग्रणी उद्योगपतियों, परोपकारी तथा सामाजिक उद्यमियों में से एक हैं. वे हार्वड बिजनेस स्कूल के डीन के एडवाइज़र के बोर्ड में, बॉम्बे हॉस्पिटल के प्रबंधन बोर्ड में शामिल हैं तथा प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी एनजीओ प्रथम के चेयरमैन हैं.पीरामल, व्यापार तथा उद्योग पर प्रधानमंत्री की काउंसिल और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा निर्मित व्यापार बोर्ड के सदस्य भी हैं. इसके अलावा वे भारत सरकार की फार्मास्युटिकल्स तथा ज्ञान आधारित उद्योगों पर बनी टास्क फोर्स के सदस्य भी रहे है. इसके अलावा उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड में 12 वर्ष तक अपनी सेवाएं प्रदान की है.

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