रविवार 19 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के सातो चरण के चुनाव हो चुके है चुनाव प्रचार के खत्म होते ही शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे ।
हेलिकॉप्टर से उतरने पर प्रधानमंत्री यहाँ के स्लेटी रंग के पहाड़ी परिधान पहने, पहाड़ी टोपी और कमर में केसरिया गमछा बांधे दिखाई दिए। उन्होंने हेलीपैड से मंदिर पहुंचने के पैदल रास्ते के दोनों ओर मौजूद श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया ।
मोदी जी ने मंदिर के गर्भगृह में आधे घंटे भगवान शिव की पूजा अर्चना के पश्च्यात मंदिर के बाईं ओर पहाड़ी पर बनाई पवित्र गुफा में बैठ कर ध्यान लगाया । केदारनाथ मंदिर से लगभग दो किमी दूर मंदाकिनी नदी के दूसरे छोर पर बनाई गई इस गुफा का नाम रूद्र गुफा है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 12,250 फीट है। जहा बैठ कर मोदी जी ने लगभग 17 घंटे ध्यान किया जहां उन्होंने रात्रि विश्राम भी किया ।
मंदिर के गुफा में ध्यान में बैठे मोदी की कुछ तस्वीरें भी इंटरनेट पर वायरल हो रही है जिनमे वे भगवा वस्त्र पहने गुफा में ध्यान मग्न बैठे है।यह दूसरा मौका है, जब पीएम मोदी केदारनाथ में ध्यान में बैठे है इससे पहले युवावस्था में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व मोदी जी ने केदारनाथ के गुरुड़चट्टी में आधात्यमिक साधना की थी ।
मोदीजी के इस उत्तराखंड दौरे के दौरान एक और बात है जो चर्चा का विषय बना हुआ है और वो हे उनका परिधान। गुफा में अपनी ध्यान साधना के बाद जब मोदी जी सुबह मंदिर दर्शन के लिए निकले तो उन्होंने यहाँ के जौनसार बावर का पारंपरिक परिधान पहना था। यह खास परिधान उत्तराखंड के चकराता के ग्राम ओडा निवासी विशेषज्ञ दर्जी रण सिंह ने तैयार किया था। जौनसार बावर के इस पारंपरिक परिधान को चोड़ा कहा जाता है। यह परिधान शुद्ध स्थानीय ऊन से बनाया जाता है जो विशेषकर सर्दियों में पहना जाता है जो शरीर के लगभग पूरे हिस्से को ढककर सर्दी से बचाए रखता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इसे प्रधानमंत्री को भेंट किया था।
पीएम मोदी ने सुबह गुफा से बाहर आते समय रास्ते में बर्फ से ढंकी पहाड़ियों का नजारा लिया तथा कुछ क्षणों तक मंदाकिनी नदी के किनारे एक पत्थर पर भी बैठेकर बिताये। वहा से आने के बाद मंदिर पहुंच कर उन्होंने पूजा अर्चना की और दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचित करते हुए मोदी जी ने कहा कि भगवान केदारनाथ का आशीर्वाद भारत और संपूर्ण मानव जाति पर बना रहे। जब एक पत्रकार ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या उन्होंने प्रार्थना के दौरान ‘चुनाव में जीत की मन्नत’ मांगी है? इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं कुछ नहीं मांगता। मैं मांगने की प्रवृत्ति से सहमत भी नहीं हूं। क्योंकि उसने आपको मांगने योग्य नहीं बनाया है बल्कि देने योग्य बनाया है। ईश्वर ने उसे देने योग्य क्षमता दी है उसे वह समाज को देना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘भगवान बाबा केदारनाथ का भारत ही नहीं पूरी मानव जाति के लिये, उनके सुख समृद्धि और कल्याण के लिये आशीर्वाद बना रहे।’
मोदी जी ने उत्तराखंड दौरे की जानकारी चुनाव आयोग को भी दी थी और उन्होंने केदारनाथ आने की अनुमति देने के लिये चुनाव आयोग का भी आभार जताया और कहा कि इससे उन्हें दो दिन का विराम मिला। अपनी 17 घंटे की साधना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कल गुफा में रहने के दौरान बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा रहा। सिर्फ अपने में रहा।
इसके बाद मोदी जी ने यहाँ चल रहे विकास कार्यो का जायजा भी लिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘अब केदारनाथ में काम ठीक चल रहा है और मैं अपेक्षा करता हूं कि लोग सिंगापुर और दुबई जाने के अलावा केदारनाथ तथा भारत के अन्य जगहों पर भी जायें क्योंकि अपने देश में भी देखने लायक काफी कुछ है।
केदारनाथ धाम दर्शन के बाद मोदी जी ने रविवार को बद्रीनाथ धाम के दर्शन किये यहाँ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के सिंहद्वार से करीब पांच मिनट तक बदरीनाथ के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारा।
उन्होंने यहाँ मंदिर समिति और स्थानीय लोगों से विकास कार्यो में सहयोग करने की बात कही जिससे बदरीनाथ धाम को भी केदारनाथ की भांति संवारा जा सके।
मोदी जी की आचार सहित के दौरान इस दो दिवसीय यात्रा की आलोचना की जा रही है तथा तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत भी की है। यहाँ तक की TMC ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर नज़र रखने वाली सर्वोच्च संस्थान भारतीय चुनाव आयोग पर इस मामले में आखे मूंद लेने का भी आरोप लगाया है।
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