टोक्यो ओलंपिक 2020 भारत के लिए ऐतिहासिक रहा. इस ओलंपिक में भारत ने सबसे ज्यादा मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया है. कुल 17 एथलीटों ने हाल ही में संपन्न टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीता है. जिसमे भारत को 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज़ मैडल हासिल हुए है. अब तक ओलंपिक खेलों में यह भारतीय खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. तो आइये आज जानते है कि इस पैरालंपिक में किन भारतीय खिलाड़ियों ने पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है.
सुमित अंतिल (Sumit Antil)
भारत के पैरा एथलीट सुमित अंतिल ने भाला फेंक में अपना जलवा बिखेर कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. सुमित ने एफ-64 स्पर्धा के फाइनल में तीन बार विश्व रिकॉर्ड तोड़े थे, उन्होंने अपने पांच प्रयास में तीन बार खुद के ही विश्व रिकॉर्ड को तोडा किया और गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया।
मनीष नरवाल (Manish Narwal)
भारत के मनीष नरवाल ने शूटिंग की मिक्सड 50 मीटर SH1 कैटेगरी में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. मनीष नरवाल ने 218.2 का स्कोर कर गोल्ड पर कब्जा किया। वही खास बात ये है कि इसी कैटेगरी का सिल्वर मेडल भी भारत के ही नाम रहा. भारत के सिंहराज ने भी इसी कैटेगरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है.
प्रमोद भगत (Pramod Bhagat)
बिहार के हाजीपुर के रहने वाले प्रमोद भगत बैडमिंटन में पैरालंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए है. दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी प्रमोद ने पुरुष एकल एसएल3 वर्ग में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. यह पहला मौका है जब बैडमिंटन को पैरालंपिक में जगह दी गयी.
भाविनबेन पटेल (Bhavinaben Patel)
गुजरात की भाविनबेन पटेल ने पैरालंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. भाविनबेन ने ओलंपिक के तीसरे दिन भारत का पहला टीटी पैरालंपिक मेडल जीता था. गोल्ड मेडल के मैच में वह चीन की झोउ यिंग से 7-11,5-11,6-11 से हार गईं.
निषाद कुमार (Nishad Kumar)
निषाद कुमार ने भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. निषाद कुमार ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और एशियाई रिकॉर्ड बनाकर सिल्वर मेडल जीता है. निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी-47 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता. निषाद ने फाइनल मुकाबले में 2.06 मीटर के साथ नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया और साथ ही साथ अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड को भी मजबूत किया।
अवनि लेखरा (Avani Lekhara)
पैरा-शूटर अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचा है। इस 19 वर्षीय भारतीय शूटर ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन SH1 में 445.9 पॉइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस तरह एक ही पैरालंपिक में उनका दूसरा मेडल है। इससे पहले उन्होंने 10 मीटर राइफल में गोल्ड मेडल हासिल किया था.
देवेंद्र झाझरिया (Devendra Jhajharia)
देवेंद्र झाझरिया ने भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. देवेंद्र झाझरिया ने पुरुषों की भाला फेंक एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंक कर टोक्यो में सिल्वर मेडल जीता। एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय झाझरिया ने इस दौरान अपना पिछला रिकॉर्ड भी तोड़ा है. झाझरिया के पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था.
योगेश कथुनिया (Yogesh Kathuniya)
भारत के योगेश कथुनिया ने ओलंपिक में पुरुषों की डिस्कस थ्रो (F56) स्पर्धा में फाइनल में 44.38 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज करके सिल्वर मेडल जीता था. उनका पहला, तीसरा और चौथा प्रयास विफल रहा जबकि दूसरे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमश: 42.84 और 43.55 मीटर चक्का फेंका था.
सिंहराज अधाना (Singhraj Adhana)
टोक्यो पैरालंपिक में फरीदाबाद के तिगांव निवासी सिंहराज अधाना ने ओलम्पिक में ब्रॉन्ज़ और सिल्वर मैडल अपने नाम किया था. सिंहराज ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा एसएच-1 के फाइनल मुकाबले में ब्रॉन्ज़ मैडल जीता था इसके बाद उन्होंने 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा एसएच-1 में सिल्वर मैडल अपने नाम किया था.
मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu)
तमिलनाडु के सेलम जिले के पेरियावाडागामपट्टी गांव के रहने वाले मरियप्पन ने भारत को टोक्यो पैरालंपिक खेलों में हाई जंप में सिल्वर मेडल दिलाया है. मरियप्पन ने 1.86 मीटर की छलांग लगाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. खेलों में यह उनका दूसरा पदक है, पहले रियो 2016 में मरियप्पन स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.
शरद कुमार (Sharad Kumar)
शरद कुमार ने भी भारत ने नाम ब्रॉन्ज़ मैडल किया था. टोक्यो पैरालंपिक में हाई जंप के T64 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर शरद कुमार ने शान से तिरंगा लहराया था.
प्रवीण कुमार (Praveen Kumar)
नोएडा के रहने वाले प्रवीण कुमार ने पुरुष हाई जंप मुकाबले में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. प्रवीण कुमार ने कुल 2.07 मीटर की जंप लगाई और दूसरे नंबर पर रहे. प्रवीण कुमार की उम्र सिर्फ 18 साल है.
हरविंदर सिंह (Harvinder Singh)
टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय पैरा एथलीटों का दमदार प्रदर्शन देखने को मिला था जिसमे से एक तीरंदाज हरविंदर सिंह ने भी अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखया. हरविंदर ने कोरिया के सू मिन किम को हराकर कांस्य पदक जीता था. उन्होंने 6-5 से ये मुकाबला जीता था और पैरालंपिक के इतिहास में भारत ने पहली बार तीरंदाजी में पदक जीता है.
मनोज सरकार (Manoj Sarkar)
भारत के मनोज सरकार ने पुरुष एकल (एसएल 3) बैडमिंटन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उन्होंने फाइनल में जापान के डाइसुके फुजीहारा को 22-20,21-13 से हराकर ब्रॉन्ज़ मैडल अपने नाम किया.
सुहास एल यतिराजी (Suhas L. Yathiraj)
नोएडा के गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एल यतिराज पैरा-शटलर ने पैरालंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीता है. पुरुष एकल बैडमिंटन SL4 इवेंट के फाइनल में यतिराज फ्रांस के लुकास मजूर से हार गए थे. फाइनल में यतिराज मजूर से 21-15, 17-21, 15-21 से हार गए, लेकिन उन्होंने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है.
कृष्णा नागर (Krishna Nagar)
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रच दिया. नागर ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया. कृष्णा नागर ने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएच6 फाइनल में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को 21-17, 16-21, 21-17 से मात दी. खास बात ये है कि कृष्णा ने बैडमिंटन खेलने की शुरुआत गलियों और पार्क से की थी.