आज 5 जून को World Environment Day यानि विश्व पर्यावरण दिवस हैं। आज हम सभी बढ़ते तापमान , विषैली हवा, पानी की कमी जैसे गंभीर स्थितियों से गुजर रहे है, और आने वाले समय में ये समस्या और भी ज्यादा खतरनाक होने वाली है। अक्सर दूषित पर्यावरण को लेकर हम सरकारों को दोषी ठहराते रहते हैं, जो सही नहीं है। सरकार ने पर्यावरण बचाने के लिए तमाम कानून बना रखे हैं, पर क्या हम उन कानून का पालन करते है? क्या सरकार के अलावा हम सबका फर्ज नहीं हे अपने पर्यावरण को साफ़ रखने का ?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अब यदि तापमान में 1.5 डिग्री सेंटीग्रेट तक इजाफा होता है तो इसके घातक नतीजे होंगे। इससे मौसम चक्र प्रभावित होगा जिससे सूखा, बाढ़, ग्लेशियर का पिघलना, चक्र वात आदि का खतरा बढ़ेगा। यदि तापमान दो डिग्री सेंटीग्रेट तक बढ़ा तो हालात और विनाशकारी होंगे और इसकी शुरुवात हो चुकी है ।
पर्यावरण के संरक्षण के लिए बड़ी-बड़ी बहसों की जगह अगर हम अपनी आदतों में बदलाव में थोड़ा थोड़ा बदलाव ले आये तो शायद हम इस विनाश को कुछ समय के लिए टाल सकते है । आइये जानें कि एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हम पर्यावरण को बचाने के लिए क्या क्या कर सकते है।
1. पौधा रोपण को करे प्रोत्साहित (Tree Plantation )
प्रदुषण की भयानक स्थिति से निकल के सबसे अच्छा उपाय है पौधा रोपण। आज विश्व पर्यावर्ण दिवस पर हम सभी संकल्प कर ले की अपनी ज़िन्दगी में ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण करेगे और दुसरो को भी इसके लिए प्रोत्साहित करेगे । इसके लिए आप किसी को जन्मदिन या सालगिरह के अवसर पर गिफ्ट में पौधा गिफ्ट करे ।या अपने किसी खास इंसान की याद में उनके नाम का पौधा लगाए।
2. पॉलीथीन का करें बहिष्कार (Boycott Polythene)
रोजमर्रा में उपयोग की जाने वाली पॉलीथीन हमारे पर्यावरण की सबसे बड़ी दुश्मन है। पॉलीथीन में पालीयूरोथेन नामक रसायन पाया जाता है। इस रसायन को किसी भी तरह से नष्ट नहीं किया जा सकता है। प्लास्टिक को जलाने पर वायुमंडल दूषित होता है और अगर जमीन के भीतर दबाया जाता है तो यह जहरीली गैस में तब्दील हो जाता है। जमीन के अंदर गर्मी पाकर यह गैस विस्फोट भी कर सकती है। यह कहा जाता है कि प्लास्टिक इतना खतरनाक है कि इसे नष्ट होने में सवा लाख साल तक लग सकते हैं।
इसलिए आज ही यह संकल्प करे की सब्जी लाना हो या राशन, पॉलीथीन की जगह कपडे से बने बेगो का ही इस्तमाल करेंगे।
3. डिस्पोजल के बर्तनो को कहे ना (Say No to Disposal utensils)
हम थोड़ी सी मेहनत से बचने के लिए खाने में डिस्पोजल प्लेट का उपयोग करने लगे है। पर क्या आपकी पता है इन डिस्पोजल बर्तनो से हमारे स्वस्थ्य और पर्यावरण दोनों को ही कितना खतरा है। प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं है। इसे जलाना, जमीन के अंदर दबाना या पानी में गलना कुछ की मुमकिन नहीं है। इसलिए ये प्रण करे की प्लास्टिक की जगह स्टील या चिनी मिट्टी के बर्तनो का ही उपयोग करेंगे। शादी पार्टियों में डिस्पोजेबल गिलास की जगह स्टील या तांबे के ग्लास का प्रयोग करेंगे ।
4. इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को करे टर्न ऑफ (Turn off Electronic Devices)
अक्सर हम उपयोग के बाद भी अपने AC, पंखे, लैपटॉप या फिर कंप्यूटर को यो ही खुला छोड़ देते हैं। लेकिन हम यह नहीं जानते कि इसके जरिए भी पर्यावरण प्रदूषित होता है। इसलिए इलेक्ट्रोनिक डिवाइस का कम से कम उपयोग करने की कोशिश करे प्राकृतिक हवा में घूमे और जरुरत न होने पर इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को बंद रखे ।
5. सिग्नल पर करे गाड़ियों को बंद (Turn off Vehicles on Traffic Signal )
अक्सर हम ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े अत्यधिक गर्मी महसूस करते करते हे वो इसलिए क्योकि सिग्नल बंद होने सभी गाड़िया चालू रहती है। अगर हम सब थोड़ी जागरूकता दिखाए और ट्रैफिक सिग्नल पर उतने समय के लिए गाड़ी का इंजन बंद कर ले तो हम कितने वायु प्रदुषण और गर्मी से बच सकते हे ।
6. पानी का करे नियंत्रित प्रयोग (Save Water)
अक्सर हम यह सोचते हे की हमारे घर में तो भरपूर पानी है फिर हमे किस बात की चिंता। पर हम यह बात भूल जाते हे की अगर आज हमने पानी नहीं बचाया तो आने वाली पीढ़ी को कितनी मुसीबत झेलनी पड़ेगी। कहा भी गया है की आने वाले समय में तीसरा विश्व युद्ध पानी के कारण ही होगा। तो क्यों न हम आज से ही उस घातक स्थिति से बचने की कोशिश करना दे और पानी को जरुरत के अनुसार ही उपयोग करे ।
7. नदी- समुद्रो को रखे साफ़ (Clean River and See)
क्या आपको पता है इस बार ऑस्ट्रेलिया के चुनाव का प्रमुख मुद्दा हवा, मिट्टी, पानी जैसे विषयो पर केंद्रित था वो इसलिए क्योकि यहाँ शताब्दी का सबसे बड़ा सूखा इस बार पड़ा था और वहां के मुरे डार्लिंग नदी तंत्र में दस लाख मछलियां सूखे के कारण मर गईं। यही स्थिति हमारे यहाँ भी हो रही है सागरों से सबसे ज्यादा आक्सीजन उत्सर्जित होती है लेकिन मानव जनित कचरे (प्लास्टिक) के कारण इन्हें सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। नदी समुद्रो में विषैला पानी छोड़ देने से पीने का पानी का भी संकट पैदा हो गया है।
8. करे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग (Use Public Transport)
वायु प्रदूषण का एक प्रमुख करण बड़ी संख्या में वाहनों का इस्तेमाल भी है।यदि हम परिवहन में पूलिंग या सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल करें तो पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक असर को कम कर सकते हैं। इससे परिवहन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों में भी कमी आएगी।
इस सब के अलावा और भी कई उपाय है जीने हम प्रदुषण जैसी खतरनाक स्थिति से बच सकते हे और अपनी आने वाली पीढ़ी को साफ़ स्वच्छ माहौल दे सकते है अगर आपके विचारो में और भी कई उपाय है तो आज विश्व पर्यावरण दिवस पर उन्हें हमारे साथ शेयर कीजिये ।
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