राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के 57 सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में मोदी जी और अमित शाह के बाद सबसे ज्यादा चर्चा हुई है ओडिशा के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी (Pratap Chandra Sarangi) की जिन्होंने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
साधारण कपड़े पहने, कमज़ोर से दिखने वाले, बाल बिखरे हुए और लंबी दाढ़ी वाले प्रताप चंद्र सारंगी ने जब मंत्री पद की शपथ ली तो वहां मौजूद हर शख्स ने उनके लिए तालिया बजाई।
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सारंगी को ओडिशा का मोदी भी कहा जाता है. वह दो बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं।
प्रतापचंद्र सारंगी ओडिशा में मिसाइल टेस्टिंग के लिए प्रसिद्ध बालासोर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं. दावा है कि चुनाव में उन्होंने कुछ भी खर्च नहीं किया। पहली बार सांसद बने प्रताप सारंगी को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री के साथ ही पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में भी राज्य मंत्री का दायित्व मिला है।
प्रताप चंद्र सारंगी मोदी मंत्रिमंडल के सबसे गरीब मंत्री है जिनकी कुल जमापूंजी 13 लाख रुपये है। वो अधिकतर साइकिल का प्रयोग करते हैं। चुनाव प्रचार में जनता से जुड़ने के लिए उन्होंने एक ऑटो रिक्शा भी किराए पर लिया था। मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सारंगी ने कहा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि पीएम मोदी ने मुझ पर भरोसा किया। मेरे लिए राजनीति देश की सेवा करने का माध्यम है। हमारी पार्टी का सिद्धांत है- देश पहले, पार्टी उसके बाद और हम सबसे बाद में। मैं मोदी जी और आम जनता का विश्वास जीतने की पूरी कोशिश करूंगा।’
बनना चाहतेथेभिक्षु
नीलगिरी में ही गोपीनाथपुर गांव में जन्में सारंगी ने फकीर मोहन कॉलेज से स्नातक किया। वे रामकृष्ण मठ का भिक्षु बनना चाहता थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बेलुड़ मठ में भी गए। वहां मठ के भिक्षुओं को जब पता चला कि सारंगी की मां विधवा हैं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। तब उन्होंने सारंगी को वापस घर भेज दिया और कहा आप जाकर अपनी मां की देखभाल करिए। इसके बाद वो अपने गांव लौट आए और समाज सेवा में जुट गए। पिछले साल ही उनकी मां का निधन हो गया।
दो बार रह चुके हैं विधायक, अब बने सांसद
सारंगी पहली बार 2004 और दूसरी बार 2009 में नीलगिरी से विधायक बने। उन्होंने 2014 में भाजपा की तरफ से बालासोर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बीजू जनता दल के उम्मीदवार रबींद्र कुमार जेना से हार गए। भाजपा ने उनपर 2019 में भी भरोसा दिखाया और दोबारा टिकट दिया। इस बार उन्होंने मौजूदा सांसद जेना को 12,956 वोटों के अंतर से हरा दिया।
ओडिशा कामोदीऔरनानाकेनामसेहेफेमस
सारंगी को स्थानीय लोग ‘नाना’ के नाम से जानते हैं। यह बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उससे पहले वह राज्य में विश्व हिन्दू परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने शादी नहीं की है।अस्सी के दशक में उन्होंने राज्य में कई जगहों पर कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों के लिए एकल विद्यालय (स्थानीय शिक्षक के साथ गांव के स्कूल) शुरू किए थे। इन एकल विद्यालयो में गांव के युवा स्कूल में पढ़ाते हैं और गांव के लोग ही मिलकर शिक्षक का वेतन देते हैं।
सारंगी के अपने बड़े भाई, किशोर कुमार सारंगी के साथ वैचारिक मतभेद हैं, जो बालासोर शहर में एक अभ्यास वकील हैं, जो वामपंथी विचारों को मानते हैं और सीपीआई के सदस्य रहे हैं। किशोर कई सालों से बालासोर में अपने घर में रह रहे हैं
सारंगी के शपथग्रहण के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनकी खिलाफत में एक पोस्ट वायरल है. इस पोस्ट के मुताबिक सारंगी पर 7 क्रिमिनल केस दर्ज हैं. इसके साथ सारंगी को ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड का दोषी भी बताया जा रहा है.