गमजदा की आंख से आंसू चुरा सकते हैं हम,हां किसी रोते हुए को भी हंसा सकते हैं हम ।तल्ख लहजा हो अगर तो जिंदगी का क्या मजा ,खुशमिजाजी से कहीं भी घर बना सकते हैं हम ।चांद तारे और सूरज ना मिले हमको भले,एक जुगनू से भी दिल रोशन बना सकते हैं हम ।फूल ही से प्यार करके ये तजरबा भी हुआ ,कांटो से भी दोस्ताना अब बना सकते हैं हम ।हम भी वाकिफ हैं किसी एक ऐसे प्यारे शख्स से,उसी के वास्ते एक नई दुनिया बना सकते हैं हम…
Read Moreलेखक: Sapna Jain
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