भक्तामर स्तोत्र हिन्दी | Bhaktamar Stotra in Hindi

bhaktamar stotra hindi

श्री भक्तमार स्तोत्र जैन समुदाय का सबसे प्रसिद्ध स्तोत्र है। भक्तमार स्तोत्र को सातवीं शताब्दी ईस्वी में आचार्य मनतुंगा द्वारा संस्कृत में 48 श्लोक लिखे गए हैं। भक्तमार स्तोत्र को आचार्य मनतुंग ने सलाखों में बैठे इस ग्रन्थ को लिखा था| भक्त अमर नत मुकुट सु-मणियों, की सु-प्रभा का जो भासक।पाप रूप अति सघन तिमिर का, ज्ञान-दिवाकर-सा नाशक॥भव-जल पतित जनों को जिसने, दिया आदि में अवलंबन।उनके चरण-कमल को करते, सम्यक बारम्बार नमन ॥१॥ सकल वाङ्मय तत्वबोध से, उद्भव पटुतर धी-धारी।उसी इंद्र की स्तुति से है, वंदित जग-जन मन-हारी॥अति आश्चर्य की…

Read More