सिंगर होने के साथ साथ बेहद अच्छी कुक है आशा भोसले, जानिए उनके जीवन का सफर

Asha Bhosle

बॉलीवुड की मशहूर प्लेबैक सिंगर आशा भोसले का नाम संगीत की दुनिया में बड़े ही अदब से लिया जाता है। वह आज यानी 8 सितम्बर को अपना 89वां जन्मदिन मना रही है. तो आइये आज जानते है अपनी जादुई आवाज से लाखों दिलों पर राज करने वाली आशा जी का जीवन सफर कैसा रहा.

आशा भोसले का जन्म

आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में गोर के छोटे से गांव में हुआ था। आशा भोसले को अपने संगीत का गुण पिता दीनानाथ मंगेशकर से प्राप्त है जो खुद एक मराठी और कोंकणी संगीतकार, गायक व अभिनेता थे। जब आशा महज 9 साल की थी उनके पिता का निधन हो गया था. जिसके बाद आशा जी और उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर के ऊपर घर की सारी ज़िम्मेदारी आ गयी थी. जिस वजह से उन्होंने महज दस साल की उम्र में गायकी की दुनिया में कदम रखा.

आशा भोसले का करियर

आशा भोसले ने महज दस साल की उम्र में सिंगिंग की दुनिया में कदम रख दिया था. उनका पहला गाना मराठी था जोकि साल 1943 में आया था और इसका नाम ‘चला चला नव बाला’ था। आशी जी ने शुरुआत में कम बजट की हिंदी फिल्मों में गाने गाकर अपने करियर को आगे बढ़ाया था. आशा जी मशहूर सिंगर मोहम्मद रफी के साथ ‘नन्हे मुन्हे बच्चे’ गाने के बाद वह काफी मशहूर हो गईं। जिसके बाद उन्होंने एक से बढ़ कर एक गाने गाये. फिल्म नया दौर (1957), तीसरी मंजिल (1966), उमराव जान (1981) और रंगीला (1995) जैसी फिल्मों में गाना गाने से आशा भोसले जी को बड़ी सफलता मिली थी।

Asha Bhosle
Asha Bhosle’s career

आशा जी को मशहूर सिंगर मोहम्मद रफी के साथ गाए उनके गीत ‘माँग के हाथ तुम्हारा….’, ‘साथी हाथ बढ़ाना…’ और ‘उड़े जब जब जुल्फें तेरी… से खूब सफलता मिली. आशा जी ने अपने फ़िल्मी सफर में 16000 गानों में अपनी आवाज दी है। वह सिर्फ हिंदी में नहीं बल्कि मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषाओं में गाने गातीं हैं।

वही आपको जानकर हैरानी होगी कि गानों के अलावा आशा एक्टिंग में भी किस्मत आजमा चुकी हैं। उन्होंने 79 साल की उम्र में फिल्मों में कदम रखा. उनकी पहली फिल्म का नाम ‘माई’ था जोकि एक मराठी फिल्म थी जिसमें आशा मां की भूमिका में नजर आई थीं।

आशा भोसले की लव लाइफ

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Asha Bhosle’s married life

आशा भोंसले की पहली शादी महज 16 साल की उम्र में हुई है. आशा जी ने 31 साल की उम्र के गणपतराव भोसले से शादी करी थी जोकि उस वक्त लता मंगेशकर के सेक्रेटरी हुआ करते थे. वही लता मंगेशकर ने आशा और गणपत के इस रिश्ते को मंजूरी नहीं दी थी. जी वजह से आशा लता के बीच काफी दूरी आ गई थी. आशा जी का यह विवाह असफल साबित हुआ था। शादी टूटने के बाद वह अपने बच्चों के साथ अपने घर आ गयीं। इसके बाद आशा जी ने साल 1980 में राहुल देव वर्मन संग दूसरी शादी रचाई. शादी के 14 साल बाद साल 1994 में आरडी बर्मन का निधन हो गया। आपको बता दे कि आशा जी की पहली शादी से उन्हें तीन बच्चे हैं दूसरी शादी से उनके दो बेटे और एक बेटी है.

आशा भोसले का व्यापार

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Asha Bhosle’s restaurants

गायिका होने के साथ साथ आशा जी बेहद अच्छी कुक है. सिंगर के सिवा उन्हें एक सफल रेस्तरां व्यवसायी के रूप में भी पहचान मिली है। आशा भोसले का आशा नाम से दुबई और कुवैत में पॉपुलर रेस्टोरेंट है। आशा भोसले के रेस्टोरेंट में उत्तर पश्चिमी भारतीय व्यंजन परोसा जाता है। बताया जाता है कि आशा जी ने इन रेस्तरां में खाना बनाने वालों को खुद छह महीने तक अच्छा खाना बनाने की ट्रेनिंग दी है। आशा जी के रेस्तरां ब्रांड आशा की कई शाखाएं दुबई और कुवैत के अलावा बर्मिंघम, दोहा, बहरीन जैसे देशों में हैं।

आशा भोसले को मिले अवॉर्ड

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Asha Bhosle’s award

साल 2000 में भारत सरकार ने आशा भोसले को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था

2008 में आशा जी को पद्म विभूषण से नवाजा गया

साल 2000 में आशा जी को दुबई में ‘सिंगर ऑफ़ द मिलेनियम’ आवर्ड से सम्मान दिया गया था

साल 2001 में फिल्म लगान के सबसे लोकप्रिय गाने ‘राधा कैसे न जले’ के लिए उन्हें बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर के लिए आइफा अवार्ड से सम्मानित किया गया था

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