पहली नज़र में ही नम्रता शिरोडकर पर अपने दिल हर बैठे थे महेश बाबू, फ़िल्मी है कपल की लवस्टोरी

Mahesh Babu and Namrata Shirodkar

साउथ इंडस्ट्री के पॉपुलर एक्टर महेश बाबू आज यानी 9 अगस्त को अपना 47वां जन्मदिन मना रहे है. महेश बाबू ने अपने लुक्स और अभिनय से काफी तगड़ी फैन फॉलोविंग बनाई है. लाखों लड़कियों का दिल महेश बाबू के लिए धड़कता है लेकिन महेश बाबू का दिल बॉलीवुड एक्ट्रेस नम्रता शिरोडकर के लिए धड़कता है. वही नम्रता को पाने के लिए महेश ने खुब पापड़ बेले थे तो आइये आज ‘प्रिंस ऑफ टॉलीवुड’ कहे जाने वाले महेश बाबू की लव स्टोरी के बारे में जानते है.

साउथ इंडस्ट्री का पॉवरफुल कपल महेश बाबू और नम्रता की लव स्टोरी बहुत ही दिलचस्प है. महेश बाबू की मुलाकात नम्रता से पहली बार तेलुगु फिल्म ‘वामसी’ के सेट पर हुई थी. पहली मुलाकात में महेश नम्रता को अपना दिल दे बैठे थे. वही इसी फिल्म के सेट पर महेश और नम्रता काफी अच्छे दोस्त बन गए थे। धीरे धीरे दोनों के बीच की ये दोस्ती प्यार में बदल गयी.

Mahesh Babu and Namrata Shirodkar
Mahesh Babu and Namrata Shirodkar’s love story

फिल्म की शूटिंग खत्म होते होते नम्रता भी महेश को दिल दे बैठी थी. नम्रता महेश से उम्र में चार साल बड़ी है. प्यार होने के बाद दोनों ने एक-दूसरे को करीब चार साल तक डेट किया था और फिर साल 2005 में कपल ने शादी कर ली. नम्रता को बॉलवीवुड की कई फिल्मों में देखा गया है लेकिन शादी के बाद नम्रता ने फिल्मों से दूरी बना ली.

शादी के एक साल बाद ही कपल ने अपने घर पहले बच्चे के रूप में बेटे गौतम का स्वागत किया. इस के बाद साल 2012 में दोनों अपने दूसरे बच्चे के रूप में बेटी के माता-पिता बने। महेश बाबू और नम्रता शिरोडकर की बेटी का नाम सितारा है।

Mahesh Babu and Namrata Shirodkar
Mahesh Babu and Namrata Shirodkar’s family

आपको बता दे कि महेश बाबू ने महज चार साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मी दुनिया में कदम रख दिया था। उन्होंने इंडस्ट्री को कई हिट फिल्में दी हैं। महेश साउथ इंडस्ट्री के महंगे एक्टर में से एक है महेश बाबू एक फिल्म के लिए 80 करोड़ रुपये फीस लेते है. महेश बाबू अपने अभिनय के सिवा सामाजिक कार्यों के चलते फैंस के दिलों में बसे हुए है. महेश बाबू ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एक-एक गांव गोद लिया हुआ है, इन गांव का नाम सिद्धापुरम और बुर्लीपालेम है. महेश बाबू अपनी कमाई से इन दोनों गांव के लोगों का ध्यान रखते हैं. इसके सिवा, महेश बाबू हील-ए-चाइल्ड नाम की संस्था से जुड़े हुए हैं. यह संस्था उन बच्चों के जीवन को बचाने का काम करती है जिनका परिवार मेडिकल खर्च नहीं उठा पाते है.

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