बबीता फोगाट ने शादी में लगवाई दंगल वाली महेंदी, डिज़ाइन देख आप भी रह जायगे हैरान

Babita phogat mahandi design

दिसंबर की ठण्ड के साथ ही शादियों का सीजन भी आ गया है शहर में आपको जहा तहा बैंड, बाजा, बारात और शादी के मंडप दिख ही जायगे जाएगी। दंगल गर्ल के नाम से मशहूर पहलवान बबीता फोगाट भी 1st दिसंबर को अपने ब्वॉयफ्रेंड विवेक सुहाग के साथ शादी के बंधन में बंध गयी है। भारत केशरी पहलवान विवेक सुहाग और इंटरनेशनल रेसलर बबिता फोगट की सादगी से हुई शादी ने लाखो लोगो का दिल जीत लिया ।

आपको बता दे इस शादी में एक और खास बात थी और वो है बबिता की महेंदी ।बबिता की महेंदी आर्टिस्ट ममता अनसूया तातेर ने महेंदी सेरेमनी की कुछ तस्वीरें शेयर की है जिससे साफ़ है कि इस रेस्लर ने अपनी शादी की महंदी डिज़ाइन के लिए काफी दिमाग़ लगाया है।

babita phogat mahandi

बबीता के दोनों हाथों पर रेस्लिंग की ही डिज़ाइन बनाई गई थी। चरखी दादरी के बलाली गांव में हुई इस महेंदी सेरेमनी की खास बात यह है यहाँ जोधपुरी की ऑर्गेनिक मेहंदी का प्रोयग किया गया और मेहंदी डिजाइंस में हरियाणा की सांस्कृतिक परंपराओं का चित्रांकन किया गया।

हम सब जानते है की कुश्ती का खेल बबीता के दिल के कितने करीब है इसी बात को ध्यान में रखते हुए बबीता के पसंदीदा रेसलिंग मूव्स का मेहंदी से बनाये गए ।

मेहंदी में बबीता के दूल्हे विवेक जी को बारात लाते दिखाया गया है।हरियाणवी वेशभूषा में दोनों दूल्हा-दुल्हन एक साथ डांस परफॉर्मेंस दे रहे हैं साथ ही ढोल नगाड़ा बज रहे हैं। हथेलियों पर बबिता और विवेक के फोटो शूट के दृश्य को उकेरा गया है। महेंदी के द्वारा डोली में दुल्हन के रूप में बैठी बबीता को भी दिखाया गया है ।

विवेक की दुल्हनिया, सौभाग्यवती भव जैसे आशीष भरे शब्दों को मेहंदी से हाथों में लिखा गया है । इन्ही शुभ आशीष भरे शब्दों के साथ दूल्हा विवेक दुल्हन बबीता को एक साथ अर्धनारीश्वर पोज में बनाया गया है ।

Babita phogat mahandi design

पैरों की मेहंदी डिजाइन में जोधपुरी देसी घड़ाई जिसमें बहुत ही बारीकी के साथ बेल-बूटे, मोर, घंटियां, इत्यादि विभिन्न कलात्मक डिजाइंस को बनाया गया है।

बबिता की महेंदी डिज़ाइन डेक कर हम कह सकते है की उन्होंने अपनी शादी के इस रस्म को स्पेशल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

आपको बता दे बबिता और विवेक की शादी हरियाणा के दादरी जिले के बलाली गांव में संपन्न हुआ, ये शादी बिना किसी दान-दहेज के साधारण तरीके से पुरे रीति-रिवाज तथा हिंदू रस्मों के साथ संपन्न हुई।

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