बजरंग पूनिया एक प्रसिद्ध भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के 8वें दिन इंडियन रेसलर बजरंग पूनिया ने फ्री-स्टाइल रेसलिंग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है. बजरंग पूनिया ने 7 वर्ष की उम्र से ही कुश्ती खेलना शुरू कर दिया था. तो आइए आज जानते है इतनी कम उम्र से कुश्ती खेलने वाले बजरंग का सफर कैसा रहा.
बजरंग पूनिया का जन्म
प्रसिद्ध भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान बजरंग पूनिया का जन्म 26 फ़रवरी 1994 को हरियाणा के झझर गाँव में हुआ था। बजरंग के पिता का नाम बलवान सिंह पूनिया हैं और उनकी माता का नाम ओमप्यारी हैं। बजरंग के पिता भी एक पेशेवर पहलवान है। माता पिता के सिवा उनके एक भाई है जिनका नाम हरिंदर पूनिया और वे भी एक पहलवान है।
बजरंग पूनिया की शिक्षा
बजरंग की शुरुआती शिक्षा उनके गांव में ही पूरी हुई थी. शुरुआती शिक्षा के बाद बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. बजरंग पूनिया भारतीय रेलवे में टिकट चेकर का भी काम कर चुके है.
बजरंग पूनिया का करियर
बजरंग पूनिया ने महज 7 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी. 14 साल की उम्र में उन्होंने अखाड़े में ट्रेनिंग करना शुरू किया. बजरंग पूनिया को ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त ने कुश्ती के दांव पेच सिखाए है. बजरंग पूनिया ने सबसे पहले साल 2013 में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में भाग लिया लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली.
इसके बाद बजरंग पूनिया ने इसी साल बुडापेस्ट में हुए विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में 60 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता. फिर साल 2014 में बजरंग पूनिया ने ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 61 किलोग्राम के वर्ग में रजत पदक जीता था. इसके बाद उन्होंने इसी साल इनचियन में हुए एशियाई खेलों में भी रजत पदक अपने नाम किया. साल 2015 में लास वेगास में हुए वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में बजरंग के हाथ कोई पदक नहीं लगा. लेकिन बजरंग ने हार नहीं मानी और साल 2017 में दिल्ली में हुए एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
इसके बाद साल 2018 में बजरंग पूनिया ने राष्ट्रमंडल खेल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। फिर इसी साल हुए एशियन गेम्स में एक बार फिर उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके बाद बजरंग ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. साल 2019 में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. दरअसल बजरंग पूनिया एकमात्र ऐसे भारतीय रेसलर हैं जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में तीन मेडल जीते हैं. इसी के साथ उन्होंने साल 2019 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया. बजरंग पूनिया को साल 2019 में भारत के सबसे बड़े खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था.
बजरंग पूनिया की शादी
बजरंग पूनिया ने द्रोणाचार्य अवार्ड जीत चुके पहलवान महावीर की तीसरी बेटी और दंगल गर्ल गीता-बबीता की छोटी बहन महिला पहलवान संगीता फोगाट संग सात फेरे लिए है. संगीता और बजरंग ने साल 2020 में साधारण और पारंपरिक रीति-रिवाज से शादी की थी. अगस्त साल 2019 में दोनों ने अपने अफेयर को सार्वजनिक तौर पर बताया था. इसके बाद इसी साल नवंबर में दोनों के परिवार वालों ने उनकी सगाई कर दी थी.