दिलीप कुमार को मिला वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मान, लेकिन तस्वीर में पहचान पाना हुआ मुश्किल

Dilip Kumar recent pic

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार को 97वें जन्मदिन के अवसर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से सम्मानित किया गया।खराब तबीयत की वजह से दिलीप कुमार खुद इस सम्मान को लेने न जा सके। लेकिन सोशल मीडिया पर उनके अवॉर्ड के साथ पत्नी सायरा बानो और उनके उनके परिवार के सदस्यों की तस्वीर खूब वायरल हुई, जिन्हे देख कर दिलीप जी के फैंस थोड़ा परेशान है ।

दरअसल इस वायरल तस्वीर में व्हील चेयर पर बैठे शख्स हाथ में अवार्ड लिएबिलकुल भी दिलीप जी कैसे नहीं लग रहे है इस तस्वीर पर कई लोगों ने दिलीप कुमार जी की सेहत को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की वही कुछ लोगो ने सवाल किया कि क्या दिलीप कुमार बुढ़ापे में इतना बदल गए हैं।

इस तस्वीर की सच्चाई हम आपको बताते है दरअसल इस तस्वीर में बैठे शख्स दिलीप कुमार नहीं बल्कि उनके भाई असलम व्हील चेयर पर बैठे नजर आ रहे हैं। फोटो में असलम बेहद कमजोर नजर आ रहे हैं।

फैंस को परेशना देख खुद दिलीप कुमार के ट्विटर से इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई।ट्विटर पोस्ट में लिखा गया, ‘इस तस्वीर में जो शख्स सम्मान लिए बैठे हैं वो दिलीप कुमार नहीं बल्कि उनके भाई असलम खान हैं। दिलीप कुमार इस तस्वीर में नहीं हैं।’ इस अवार्ड को लेने के लिए उनकी पत्नी सायरा बानो, भाई असलम खान और बहन फरीदा खान गए थे।

दिलीप कुमार को मिले इस सम्मान को लेकर शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें बधाई दी है। शत्रुघ्न सिन्हा ने लिखा “बहुत बधाई! वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की ओर से सम्मानित किए जाने पर महान अभिनेता दिलीपकुमार को बधाई। उन्हें भारतीय सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान और सामाजिक मुद्दों को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया है। आगे शत्रुघ्न सिन्हा ने लिखा, ‘जहां तक ​​हमारे दिग्गज दिलीप कुमार का सवाल है तो यह पुरस्कार उनके योग्य है। यह बहुत पहले हो आना चाहिए था लेकिन फिर भी इसकी बहुत खुशी हुई।” आपको बता दे दिलीप कुमार जी का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है। उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत साल 1944 में आई ‘ज्वार भाटा’ से की थी।दिलीप जी ने अपने 50 साल के करियर में ‘मुगल ए आजम’, ‘नया दौर’, ‘देवदास’, ‘कर्मा’ जैसी कई यादगार फिल्में दी हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से पहले दिलीप कुमार को 1994 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

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