वो बनकर साथ है साया हमारा

sharo shayari

वो बनकर साथ हैं साया हमारा
तअल्लुक़ है बहुत गहरा हमारा

ज़रूरत ही नहीं फिर ज़ेवरों की
अगर हो सादगी गहना हमारा

किसे मिलती है आसानी से मंज़िल
बहुत पुर-ख़ार था रस्ता हमारा

हमारे दिल ने उनको भी दुआ दी
जिन्हें भाया नहीं होना हमारा

बना लेता अगर अपना हमें तू
तेरे सजदे में सर रहता हमारा

सदा जिनके इशारों पर चले हम
वही सुनते नहीं कहना हमारा

कई लोगों को यह भी चुभ रहा है
चमन कैसे बना सहरा हमारा

पुकारा आज उसने जान कहकर
मुकम्मल हो गया सपना हमारा

-सपना जैन

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