उम्मीदों की प्यारी दुनिया
बच्चों की है न्यारी दुनियाभेद नहीं कुछ जात-धरम का
अपनी है ये सारी दुनियामेरे दिल का साहिर है वो
जिसने मेरी सँवारी दुनियाउस के दिल का महल चुना है
छोड़ के मैंने सारी दुनियाइक दूजे का हाथ न छोड़ा
जीत गए हम, हारी दुनियाइसको मीठी ग़ज़ल सुनाओ
Sapna Jain
कितनी है ये खारी दुनिया